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बर्ड फ़्लू जैसे खतरनाक रोग का नहीं होगा इन विशेष मुर्गियों पर

जयपुर। आज के दौर में कई तरह की बिमारीयां हो रही है जिनमें से कुछ इंसान खुद पैदा कर रह है तो कई जानवर और पक्षी। इस जमाने में होने वाली बीमारी बर्ड फ़्लू एक बहुत बड़ी चिंता का कारण बन चुकी है। हर साल इस रोग की वजह से हजारों मुर्गियां मारी जाती हैं।
बर्ड फ़्लू जैसे खतरनाक रोग का नहीं होगा इन विशेष मुर्गियों पर

जयपुर। आज के दौर में कई तरह की बिमारीयां हो रही है जिनमें से कुछ इंसान खुद पैदा कर रह है तो कई जानवर और पक्षी। इस जमाने में होने वाली बीमारी बर्ड फ़्लू एक बहुत बड़ी चिंता का कारण बन चुकी है। हर साल इस रोग की वजह से हजारों मुर्गियां मारी जाती हैं। इस कारण से पोल्ट्री उद्योग का काफी भारी नुकसान होता है। लेकिन इस बात से खबराने वाली कोई बात नहीं है विदेशों के वैज्ञानिकों ने इस समस्या का हल खोज लिया है।

बर्ड फ़्लू जैसे खतरनाक रोग का नहीं होगा इन विशेष मुर्गियों पर

जी हां, शोधकर्ताओं ने पहली बार जीन संवर्धित मुर्ग़ियाँ बनाने का दावा किया है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इन जेनेटिक परिवर्तित मुर्गियों में बर्ड फ़्लू नहीं फैलेगा। बता दे कि ब्रिटेन के एडिनब्रा रोसलिन इंस्टिट्यूट में यह नवीन अनुसंधान किया गया है। इन विशेष मुर्ग़ियों में कृत्रिम जीन हैं जो प्राकृतिक तौर पर मौजूद नहीं होते हैं। इस कृत्रिम जीन का यह फायदा उठाते हुये वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगर इन मुर्ग़ियों को बर्ड फ़्लू हो भी जाए तो वे संक्रमण नहीं फैलायेगी हैं। इन मुर्गियों में यह वायरस बेअसर रहेगा।बर्ड फ़्लू जैसे खतरनाक रोग का नहीं होगा इन विशेष मुर्गियों पर

इस तकनीक के पक्ष में एडिनब्रा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि पक्षियों में इस तरह की बीमारियों से बचने के लिए टीकाकरण के बजाए जीन संवर्धन तकनीक एक बेहतर तरीका साबित हो सकता है। इस तकनीक की मदद से इन मुर्गियों में म्यूटेशन करके उनमें से बर्ड फ्लू फैलाने वाले विषाणुओं को बेअसर कर दिया जाता है। जिससे पोल्ट्री उद्योग को नुकसान के बजाये काफी फायदा मिल सकता है। इसी तहर से पक्षियों के प्रजनन में जीन संवर्धन तकनीक काफी कारगर साबित हो सकती है। इससे कई तरह के पक्षियों को विलुप्त होने से भी रोका जा सकता है।बर्ड फ़्लू जैसे खतरनाक रोग का नहीं होगा इन विशेष मुर्गियों पर

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