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Gujarat by-election के 18 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले लंबित : एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने कहा है कि गुजरात विधानसभा की आठ सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों के करीब 18 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की सूचना दी है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 80 में से 14 उम्मीदवारों, जिनके चुनाव हलफनामों का विश्लेषण किया गया है, उन पर आपराधिक
Gujarat by-election के 18 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले लंबित : एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने कहा है कि गुजरात विधानसभा की आठ सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों के करीब 18 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की सूचना दी है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 80 में से 14 उम्मीदवारों, जिनके चुनाव हलफनामों का विश्लेषण किया गया है, उन पर आपराधिक मामले घोषित किए गए हैं। इनमें से सात उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं।

एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय आदिवासी पार्टी के दो उम्मीदवारों में से एक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आठ उम्मीदवारों में से तीन, कांग्रेस के आठ उम्मीदवारों में से दो और 53 निर्दलीय उम्मीदवारों में से आठ ने उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की घोषणा की है।

गंभीर आपराधिक मामलों का सामना करने वालों में भारतीय आदिवासी पार्टी के दो उम्मीदवारों में से एक, भाजपा के आठ उम्मीदवारों में से दो, और 53 निर्दलीय उम्मीदवारों में से चार शामिल हैं।

दो उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या का प्रयास संबंधी मामले लंबित हैं। आठ निर्वाचन क्षेत्रों में से दो ‘रेड अलर्ट’ निर्वाचन क्षेत्र हैं- जहां तीन से अधिक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

एडीआर ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि उन्होंने फिर से लंबित आपराधिक मामलों वाले लगभग 18 फीसदी उम्मीदवारों को टिकट देने की अपनी पुरानी प्रथा का पालन किया है। गुजरात उपचुनाव लड़ने वाले सभी प्रमुख दलों ने 25 से 38 फीसदी ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है।”

13 फरवरी, 2020 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने विशेष रूप से पार्टियों को ऐसे उम्मीदवारों के चयन के लिए कारण बताने के निर्देश दिए थे। अदालत का कहना था कि पार्टी साफ-सुधरी छवि वाले नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाने के बजाय आखिर आपराधिक छवि के लोगों को पार्टी टिकट के लिए क्यों चुनती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में आठ विधानसभा सीटों के लिए तीन नवंबर को उपचुनाव कराए जाएंगे। ये सीटें इसी साल कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई थीं।

गुजरात में जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें कच्छ की अबडासा, बोटाद की गढड़ा, अमरेली की धारी, मोरबी की मोरबी-मालिया, सुरेन्द्रनगर की लींबडी, वडोदरा की करजण, डांग की डांग विधानसभा की वलसाड की कपराडा सीट शामिल हैं।

न्यूज सत्रोत आईएएनएस

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