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कोरोना वायरस अमीर गरीब नहीं देखता,मास्क पहनने को बनाना पड़ेगा आन्दोलन:मुख्यमंत्री केजरीवाल

राजधानी दिल्ली में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मास्क लगाने का प्रचार प्रचार किसी आंदोलन की तरह किए जाने की जरूरत है। केजरीवाल ने कहा कि मैं रोजमर्रा के जीवन में बहुत से
कोरोना वायरस अमीर गरीब नहीं देखता,मास्क पहनने को बनाना पड़ेगा आन्दोलन:मुख्यमंत्री केजरीवाल

राजधानी दिल्ली में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मास्क लगाने का प्रचार प्रचार किसी आंदोलन की तरह किए जाने की जरूरत है। केजरीवाल ने कहा कि मैं रोजमर्रा के जीवन में बहुत से ऐसे लोगों से देखता हूं जो या तो मास्क नहीं पहनते हैं या इसे गलत तरीके से पहनते हैं और उनके नाक और मुंह खुले रहते हैं, इसलिए वह काम नहीं करता। हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि कोविड-19 भेदभाव नहीं करता है और यह किसी को भी साथ हो सकता है – गरीब, अमीर, युवा और बूढ़े, पुरुष और महिलाएं।

दरअसल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाले रोहतक रोड के पुनर्विकास कार्य का मंडका में शुभारंभ किया। जखीरा गोल चक्कर से मुंडका तक करीब 13.33 किलोमीटर लंबी सड़क के पुनर्विकास कार्य को 45 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा।इस दौरान सीएम ने बढ़ते कोरोना संक्रमण पर चिंता जाहिर करते हुए एक बार फिर दोहराया कि इस समय कोरोना बहुत फैला हुआ है। जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक मास्क ही इसकी दवा है।

केजरीवाल ने कहा कि मार्च में संक्रमण प्रभावित देशों से 32,000 भारतीय लौटे, साथ ही देश के अन्य हिस्सों से लोग वापस आए और दिल्ली ने काफी मुश्किल वक्त देखावायु प्रदूषण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जनवरी से अक्टूबर माह के मध्य तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता अच्छी रहती है, लेकिन इसके बाद पंजाब ,हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलने के बाद यह खराब होने लगती है।

साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली के निस्तारण के लिए दिल्ली ने एक रसायन को विकल्प के तौर पर पेश किया है जिसे पूसा संस्थान ने विकसित किया है और जो पराली को खाद में बदल देता है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश का कोई बहाना नहीं चलेगा और पराली जलनी बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर दिल्ली सरकार अथवा पूसा संस्थान उन राज्यों को भी यह केमिकल दे सकता है, जहां पराली जलाई जाती है।

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