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बाघिन ‘Avni’ की हत्या मामले में समाप्त हुई अवमानना कार्यवाही

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बाघिन ‘अवनी’ की हत्या के मामले में अवमानना की कार्यवाही पर पूर्ण विराम लगा दिया। वर्ष 2018 के इस मामले में कोर्ट में यह कहा गया कि उसे गोली मारने के आदेश की अदालत द्वारा पुष्टि की गई थी। चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और
बाघिन ‘Avni’ की हत्या मामले में समाप्त हुई अवमानना कार्यवाही

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बाघिन ‘अवनी’ की हत्या के मामले में अवमानना की कार्यवाही पर पूर्ण विराम लगा दिया। वर्ष 2018 के इस मामले में कोर्ट में यह कहा गया कि उसे गोली मारने के आदेश की अदालत द्वारा पुष्टि की गई थी। चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि यह आधिकारिक रूप अदालत द्वारा बाघिन को गोली मार देने की पुष्टि की गई थी। पीठ ने कहा कि “हम उस फैसले की समीक्षा नहीं कर सकते जो इस अदालत ने लिया था।”

याचिकाकर्ता संगीता डोगरा ने कहा कि बाघिन की हत्या के बाद भी जश्न मनाया गया और यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के विपरीत था।

पीठ ने जवाब दिया कि बाघिन को गोली मार दिए जाने के बाद ग्रामीणों को राहत मिली होगी, क्योंकि यह उनके लिए खतरा थी। डोगरा ने सवाल दागा कि इसके लिए अधिकारियों को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “अगर बाघिन को मारने के फैसले की पुष्टि इस अदालत ने की, तो हम समीक्षा नहीं करेंगे।” कोर्ट को बताया गया कि कोई भी सरकारी अधिकारी स्थानीय ग्रामीणों द्वारा आयोजित समारोह में शामिल नहीं था।

मामले में एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद पीठ ने डोगरा से याचिका को वापस लेने के लिए कहा, अन्यथा इसे खारिज कर दिया जाएगा। वह याचिका वापस लेने पर सहमत हो गईं।

गौरतलब है कि 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से उस याचिका के बाबत जवाब तलब किया था जिसमें दावा किया गया था कि नवंबर, 2018 में रालेगांव में एक शख्स ने बाघिन ‘अवनी’ को गोली मार दी थी, हालांकि वह आदमखोर नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने बाघिन की हत्या पर दिए गए इनाम के पहलू पर भी जवाब देने को कहा था।

कोर्ट ने डोगरा की याचिका की जांच करने का फैसला किया और उसे अपना दावा साबित करने के लिए कहा कि जानवर के शव परीक्षण में मानव अवशेष नहीं मिले।

माना जाता है कि अवनी ने 13 ग्रामीणों की हत्या कर दी थी और नवंबर 2018 में, वन विभाग के अधिकारियों और एक नागरिक शिकारी की टीम द्वारा यवतमाल में बोरती गांव के पास उसे गोली मार दी गई थी।

न्रयूज स्त्रोत आईएएनएस

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