Samachar Nama
×

राजस्थान में सरकार बचाने संख्या जोड़ने-घटाने में जुटे कांग्रेस नेता

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके डिप्टी सचिन पायलट के गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। इस बीच राज्य कांग्रेस के नेता अपनी सरकार को बरकरार रखने के लिए विधायकों की संख्या जोड़ने-घटाने में जुट गए हैं। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के पास 102 विधायक हैं, जिसमें
राजस्थान में सरकार बचाने संख्या जोड़ने-घटाने में जुटे कांग्रेस नेता

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके डिप्टी सचिन पायलट के गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। इस बीच राज्य कांग्रेस के नेता अपनी सरकार को बरकरार रखने के लिए विधायकों की संख्या जोड़ने-घटाने में जुट गए हैं।

200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के पास 102 विधायक हैं, जिसमें उसके गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल का एक विधायक शामिल है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद सत्ताधारी पार्टी के पास 108 विधायक हो गए। इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायकों, दो भारतीय ट्राइबल पार्टी के और दो माकपा के विधायकों के समर्थन से सरकार को सदन में कुल 125 विधायकों का समर्थन हासिल है।

यहीं पर भाजपा के पास 72 विधायक हैं, जिसमें तीन विधायक गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के शामिल हैं।

पार्टी सूत्रों ने पुष्टि की कि लगभग 20-25 विधायक पायलट का समर्थन कर सकते हैं और यदि ये सभी पार्टी छोड़ते हैं तो कांग्रेस की संख्या 100 से नीचे आ जाएगी और भाजपा की संख्या 100 के करीब होगी।

इस तरह राजस्थान में स्थिति मजेदार बनी हुई है।

भाजपा के राज्य अध्यक्ष सतीश पुनिया ने आईएएनएस से कहा कि कांग्रेस के भीतर जारी मौजूदा संकट खुद पार्टी द्वारा पैदा किया गया है और यह अंदरूनी लड़ाई का परिणाम है। “हमारी इसमें कोई भूमिका नहीं है।”

प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष ने आईएएनएस से कहा कि गहलोत के पास संख्या है और राज्य सरकार सुरक्षित हाथों में है।

इस बीच, पायलट दिल्ली में हैं और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है, ताकि वह गहलोत के व्यवहार से उनकी टीम के सामने आ रही चुनौतियों के बारे में चर्चा कर सकें।

पायलट सोनिया से समय मिलने का इंतजार कर रहे हैं, दूसरी तरफ गहलोत अपने विधायकों और मंत्रियों पर नजर रखे हुए हैं और फोन पर उनके लोकेशन की जानकारी ले रहे हैं।

अंतर्राज्यीय सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और विधायकों की आवाजाही पर लगातार नजर रखी जा रही है।

इस कड़ी में चिंता की बात यह है कि शनिवार रात गहलोत द्वारा बुलाई गई बैठक से पायलट खेमे के मंत्री अनुपस्थित थे।

पायलट के एक पसंदीदा और पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह दिल्ली चले गए हैं, यद्यपि उन्होंने ट्वीट किया कि वह अपनी बहन से मिलने गए हैं।

पायलट के साथ एकजुटता दिखाने के लिए दिल्ली में डेरा जमाए विधायकों में जी.आर. खटाना, मुरारीलाल मीणा, राकेश पारीक, पी.आर. मीणा, हरीश मीणा, इंदराज गुर्जर, रामनिवास गावादिया, प्रशांत बैरवा, चेतन दूदी, जाहिद खान, रोहित बेहरा, दानिश अबरार, मुकेश भाकर, सुदर्शन रावत, और अमर सिंह जाटव शामिल हैं।

अब सबकी नजरें कांग्रेस हाईकमान पर हैं कि वह विधायकों को एकजुट रखने के लिए क्या कदम उठाता है। दूसरी ओर पार्टी के वफादार लोग उंगलियों पर बार-बार विधायकों की संख्या गिन रहे हैं और खुद को अश्वस्त कर रहे हैं कि गहलोत सरकार इस राजनीतिक संकट को पार पा लेगी।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

Share this story