सिगरेट का धुआँ बन रहा है लोगों के अस्थमेन और कैंसर का कारक
जयपुर । आज के समय में लोगों को धूम्रपान करना जैसे बहुत ही अच्छी आदत लगती है । कई कई लोग तो ऐसे भी हैं जो इसको अपना स्टेट्स भी मानते हैं । धूम्रपान करना सिगरेट पीना लोगों को बहुत ही बड़ी खूबी लगती है पर शायद उनको यह नही पता की यह आदत उनके लिए ही नही बल्कि उनके बच्चे के लिए और पत्नी के लिए भी बहुत घातक है ।
आज हम बात कर रहे हैं धूम्रपान के कारण होने वाली परेशानी के बारे में । ज़्यादातर देखा जाता है की जोलोग धूम्रपान करते है वह लोग इस बात तक का ज्यादा ध्यान नही रखते की उनके साथ उनकी पत्नी भी रहती है और वह बहुत ही धड़ल्ले से इसका उपयोग करते हैं । कजिसके कारण वह धुआँ उनके लंग्स में भी प्रवेश करता है । और यही ही धुआँ उनकी पत्नी और बच्चे के लिए कैंसर , और सांस की बीमारी का कारण भी बनता है ।
सिगरेट पीने वाली महिलाओं के अलावा आसपास धूम्रपान करने वाले लोगों के संपर्क में आने पर भी बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से कई खतरनाक रसायन फेफड़े के जरिए शरीर में पहुंच जाते हैं और बच्चे और गर्भनाल को क्षति पहुंचाते हैं। कुछ अन्य रसायन गर्भ तक ले जाने वाली नलियों को सिकोड़कर छोटा कर देते हैं। ऐसे में शिशु तक कम मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंच पाते हैं। इससे या तो छोटे आकार और कम वजनी बच्चा पैदा होता है या फिर कई बार समय से पहले बच्चे का जन्म हो सकता है।
यही ही धुआँ आज के समय में सबसे ज्यादा अस्थमा और कैंसर का कारक बन रहा है । इतना ही नही यह बात शोध में भी साबित हुई है । भारत में प्रदूषण की वजह से 350000 बच्चे अस्थमा के शिकार हुए। चीन के बाद दूसरे नंबर पर भारत है। वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली में अस्थमा के मरीजों का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। भारत में ही डेढ़ करोड़ से अधिक लोग अस्थमा से ग्रसित है।