चीन ने किया मच्छरों पर हमला कर दिया दो द्वीपों से मच्छरों का सफाया
जयपुर । दुनिया भर में मच्छर एक ऐसा जानवर है जो हर जगह पाया जाता है । मच्छरों का आतंक तो कुछ इस तरह का है की इसके कारण कई लोगों की अकाल मृत्यु तक हो जाती है । कई मच्छर जानलेवा बीमारियों का कारण है । जैसे डेंगू , चिकन गुनिया , मलेरिया , फाइलेरिय और भी कई बीमारियाँ है । इस बात की गंभीरता को देखते हुए चीन ने एक ठोस कदम उठाया है ।
पूरी दुनिया में 128 देशों में डेंगू फैला हुआ है, लेकिन आज तक कोई भी देश पूरी तरह से डेंगू मुक्त नहीं हो पाया है। लेकिन अब चीन से इस मामले में उम्मीद की जा सकती है की वह इसमें कामयाब हो सकता है। दरअसल चीन ने अपने दो द्वीपों से मच्छरों का लगभग पूरी तरह सफाया करने में बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
चीन के वैज्ञानिकों ने दक्षिणी चीन के गुआंगझाओ में दो द्वीपों पर एक प्रयोग करते हुए मादा एशियन टाइगर मच्छर की प्रजाति का 99 फीसदी सफाया कर दिया। वैज्ञानिकों ने इसके लिए एसआईटी नाम की एक तकनीक का इस्तेमाल किया। एसआईटी यानी स्टेराइल इंसेक्ट तकनीक, जिसमें वैज्ञानिकों ने रेडिएशन का इस्तेमाल किया और मच्छरों को नपुंसक बना दिया। इस प्रक्रिया को पूरे दो साल लगे और इतने वक्त में मच्छरों का धीरे-धीरे जड़ से सफाया हो गया।
मच्छरों की एशियन टाइगर प्रजाति को पारंपरिक जनसंख्या नियंत्रण के तरीकों ( कीटनाशक का प्रयोग, गंदा पानी जमा न होने देना, साफ प्पानी को डंक कर रखना और कीटनाशंकों का इस्तेमाल आदि) के जरिए खत्म कर पाना मुश्किल होता है। यह प्रजाति पिछले 40 सालों में एशिया से लेकर लगभग हर द्वीप पर फैल चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मच्छरों को दुनिया के सबसे घातक जानवरों में से एक बताया गया है। मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के इलाज के लिए फिलहाल कोई कारगर वैक्सीन या ट्रीटमेंट उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से मच्छरों के खात्मे के लिए एसआईटी तकनीक का इस्तेमाल और भी जरूरी हो गया।