वैज्ञानिकों ने माना, चिंपाजी भी कर सकते है औजारों का बेहतर इस्तेमाल
जयपुर। चिंपाजी को मनुष्य का पूर्वज माना जाता है। कहा जाता है कि मनुष्य की उत्पति पहले चिंपाजी रूप में हुई थी। धीरे—धीरे उसने इंसान का रूप ले लिया। वैज्ञानिकों हाल ही में चिंपाजी पर अध्ययन किया तो पाया कि उसमें भी ऐसी कई खुबिया थी जो एक सामान्य इंसान में पायी जाती है।
चिंपाजी बिना किसी मदद औजारों का इस्तेमाल सही तरीके से कर लेते हैं। वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन में जंगली चिंपाजियों को शामिल किया था। इस अध्ययन के दौरान देखा कि कुछ चिंपाजी पानी की सतह से शैवाल को हटाने के लिए लकड़ियों के औजार का इस्तेमाल कर रहे थे।
ये इस्तेमाल उसी तरह से कर रहे थे जैसे इंसान करता है। इस बात की पुष्टि करने के लिए वैज्ञानिकों ने ब्रिटेन के टाईक्रोस चिड़ियाघर के चिंपाजियों के सामने ऐसे ही पानी के बर्तन रखे जिन पर लकड़ी के टुकड़े तैर रहे थे।
इन चिंपाजियों ने भी अपने रिश्तेदारों की ही तरह लकड़ी का इस्तेमाल करके इन लकड़ी के टुकड़ो को सफलतापूर्वक बाहर निकाला। इस शोध के बाद उस शोध की सोच को खारिज कर दिया गया, जिसमें ये बताया गया था कि चिंपाजियों को एक—दूसरे से सीखना पड़ता है।
शोध में यह कहा गया है कि कुछ औजारों का किस तरह से इस्तेमाल करना है, इसकी जानकारी उनके व्यवहार में ही निहित होती है। इनकों बताने की जरूरत नहीं होती है कि औजार का किस प्रकार से इस्तेमाल करना है। शोधकर्ताओं में से एलिसा बिंदनी ने कहा कि चिंपाजियों में जो संस्कृति मौजूद है, वो इंसानों से काफी मिलती—जुलती हुई है।