बच्चों की छोटी बीमारी को न करे नजरअंदाज हो सकती है ये गंभीर बीमारी
जयपुर। बच्चों में होने वाली छोटी—छोटी समस्याओं को अभिभावक नजरअंदाज कर देते है। लेकिन हाल ही में हुए अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि बच्चों में होने वाली छोटी—मोटी बीमारियों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
वैज्ञानिकों रिपोर्ट में बताते है कि छोटे बच्चे अक्सर सिरदर्द की शिकायत करते है लेकिन अभिभावक इसे कुछ देर का दर्द समझकर नजअंदाज कर देते है। लेकिन रिपोर्ट में सामने आया है कि ऐसा होने वाला दर्द सामान्य से गंभीर भी हो सकता है।
क्योंकि तनाव की स्थिति में सिर्फ व्यस्कों में ही नहीं बच्चों में पायी जाती है। इसके बारे में भोपाल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. अजय सिंंह चौहान बताते है कि आईएमए की रिपोर्ट में सामने आया था कि देश में हर साल लगभग ब्रेन ट्यूमर के मरीजों की पहचान की जाती है जिनमें से 20 प्रतिशत की संख्या बच्चों की पायी जाती है।
साथ ही पाया गया कि हर साल इनमें से 2500 भारतीय बच्चों में मेडूलोब्लास्टोमा रोग पाया जाता है। डॉ. सिंह इसके बारे में बताते है कि मेडूलोब्लास्टोमा बच्चों में पाया जाने वाला एक घातक ब्रेन ट्यूमर होता है। विशेषज्ञ इसके बारे में बताते है कि इसके होने पर बच्चों को सुबह उठने के दौरान सिर में दर्द होता है, बार—बार उल्टी आना, कई ठोकर खाकर गिर जाना, चक्कर आना, चेहरा सुन्न होने के साथ ही कमजोरी आदि इसके लक्षणों में शामिल होते हैं।
यदि मेडूलोब्लास्टोमा का इलाज समय पर शुरू किया जाये तो इसके इलाज कों 90 प्रतिशत तक संभव किया जा सकता है। लेकिन कई बार इसकी पहचान के अभाव में मरीज को अपनी मौत गंवानी पड़ जाती है।