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नियमित रूप से खेल में भाग लेने वाले बच्चे होते है गणित में होशियार

हाल ही में वैज्ञानिकों ने शोध किया जिसमें बताया गया है कि जो बच्चा नियमित रूप से खेल में भाग लेता है वो गणित विषय में अन्य बच्चों की तुलना में अधिक होशियार होता हैं। इस अध्ययन में 9 और 10 साल के 48 बच्चों को शामिल किया गया है। अध्ययन में ही ये बात सामने आयी थी कि सेरेब्रम का पतला होना ही तेज मस्तिष्क की निशानी होती है।
नियमित रूप से खेल में भाग लेने वाले बच्चे होते है गणित में होशियार

जयपुर। इस बात को सभी मानते है कि खेलना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। खेलने से शरीर के सारे पार्टस अच्छे से काम करते हैं। मगर हाल ही में किये एक शोध के बाद यह बात सामने आयी है कि खेलने से मैथ्स भी स्ट्रोंग होती है।

नियमित रूप से खेल में भाग लेने वाले बच्चे होते है गणित में होशियार

जी हां, अगर आप भी अपने बच्चे को मैथ्स में अच्छे अंक दिलाने चाहते है, तो आज से ही उसकी दिनचर्या में खेल को भी जोड़ दे। वैज्ञानिक ने इस पर कहा कि खेलने से मस्तिष्क की संरचना का विकास अधिक तेजी से होता है और इससे मैथ्स के अंकों में भी बढ़ोतरी होती है।

नियमित रूप से खेल में भाग लेने वाले बच्चे होते है गणित में होशियार

रोजना खेलने वालों के मस्तिष्क का अध्ययन किया गया तो पाया गया कि इनका ऐरोबिकली फिट है। इसके मतलब ये हुआ कि इनके मस्तिष्क की कोशिकाओं की सबसे बाहरी परत सेरेब्रम बहुत ही पतली होती है। यही परत गणित के बेहतर प्रदर्शन का एक मुख्य कारक होती है।

नियमित रूप से खेल में भाग लेने वाले बच्चे होते है गणित में होशियार

अमेरिका के इलिनॉय यूनिवर्सिटी में प्रमुख शोधकर्ता लौरा चैड्डोक—हेमैन के अनुसार सेरेब्रम का पतला होना इस बात का संकेत होता है कि मस्तिष्क पूर्ण रूप से स्वस्थ है। इसका मतलब ये होता है कि मस्त्ष्कि अनावश्यक सम्पर्कों को समाप्त कर आवश्यक संपर्कों को मजबूत करता है। इस अध्ययन में 9 और 10 साल के 48 बच्चों को शामिल किया गया है। अध्ययन में ही ये बात सामने आयी थी कि

नियमित रूप से खेल में भाग लेने वाले बच्चे होते है गणित में होशियार

सेरेब्रम का पतला होना ही तेज मस्तिष्क की निशानी होती है। ऐसा ज्यादातर उन बच्चों में पाया जाता है गणित विषय में तेज होते हैं।  इसलिए डॉक्टर बताते है कि ऐसा तभी संभव हो पाता है जब बच्चा खेल को अपने जीवन का अंग बना ले।

हाल ही में वैज्ञानिकों ने शोध किया जिसमें बताया गया है कि जो बच्चा नियमित रूप से खेल में भाग लेता है वो गणित विषय में अन्य बच्चों की तुलना में अधिक होशियार होता हैं। इस अध्ययन में 9 और 10 साल के 48 बच्चों को शामिल किया गया है। अध्ययन में ही ये बात सामने आयी थी कि सेरेब्रम का पतला होना ही तेज मस्तिष्क की निशानी होती है। नियमित रूप से खेल में भाग लेने वाले बच्चे होते है गणित में होशियार

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