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बच्चों के संग बच्चे फिर बन जाए करें दोस्त बन कर परवरिश

जब बच्चे शरारत करते है तो पेरेंट्स कई बार परेशान हो कर उन्हें शरारते करने से रोकते। बच्चों को शरारत करने से रोकने से पहले एक बार अपने बचपन के बारे में सोचे आपने अपने बचपन में कितनी शरारतें की है। अगर आप दोनों वर्किंग है तो बच्चों की हरकतों पर पूरा ध्यान रखें बच्चों को आदत डालें की वे आपकी सहमति के बिना कोई भी काम न करें जिससे उन्हें तकलीफ हो।
बच्चों के संग बच्चे फिर बन जाए करें दोस्त बन कर परवरिश

 

जयपुर । आज कल बच्चे माँ बाप से भले ही डरते ना हो पर झूठ बोल्न , गलत आदते , गलत तरीके से बात करना चिल्लाना , तोड़ फोड़ करना यह सारे काम बच्चे बहुत ज्यादा और बहुत जल्द सीख रहे हैं । ऐसे में हमारा बच्चों पर ध्यान नहीं देना या उन पर जिस तरह से हमारी परवरिश की गई उस तरह से परवरिश करना आज के समय में गलत साबित हो सकता है ।बच्चों के संग बच्चे फिर बन जाए करें दोस्त बन कर परवरिश

वह समय आज चला गया जब बच्चे को थप्पड़ मार कर उसकी गलती समझाई जाती थी । आज आपका बच्चा आपको पलट कर न सिर्फ जवाब देगा बल्कि हो सकता है आपसे चुप कर गलत आदतों का भी शिकार हो जाये ।ऐसे में बच्चे का दोस्त बन कर उनकी पर्वरिशा करना ही सही रास्ता होगा ।

बच्चों के संग बच्चे फिर बन जाए करें दोस्त बन कर परवरिश

बच्चों के नजरिए को समझते हुए उनके दोस्तों और टीचर के साथ हमेशा बात करे रहे। उनसे हमेशा उनके काम के बारे में  बात करें ताकि आप बातों- बातों में उनका नजरिया समझ सकें। जीवन में अपने बच्चों के दोस्त बने ताकि वह खुल कर अपनी हर समस्या आपसे शेयर कर सकें। बच्चों के संग बच्चे फिर बन जाए करें दोस्त बन कर परवरिश

जब बच्चे शरारत करते है तो पेरेंट्स कई बार परेशान हो कर उन्हें शरारते करने से रोकते। बच्चों को शरारत करने से रोकने से पहले एक बार अपने बचपन के बारे में सोचे आपने अपने बचपन में कितनी शरारतें की है। बचपन ही एक ऐसा समय है जब बच्चे बिना डरे या चिंता के हर चीज को एंजॉय कर सकते है।

बच्चों के संग बच्चे फिर बन जाए करें दोस्त बन कर परवरिशअगर आप दोनों वर्किंग है तो बच्चों की हरकतों पर पूरा ध्यान रखें बच्चों को आदत डालें की वे आपकी सहमति के बिना कोई भी काम न करें जिससे उन्हें तकलीफ हो। इतना ही नहीं जब आप बच्चों से संबंधित कोई कार्य करें तो उनकी सहमति जरुर लें। ताकि वह किसी परेशानी में होने पर आपको बता सके और आप उनकी मदद भी कर सकें । इतना ही नही आपको भी पता होगा की बच्चा सही कर रा है या नही ।बच्चों के संग बच्चे फिर बन जाए करें दोस्त बन कर परवरिश

आज के समय में गर्ल फ्रेंड बोयफ्रेंड बड़ी बात नही है । आप अपने बच्चों से दोस्त की तरह बर्ताव करें ताकि उसकी जिनदी के हर पहलू पर आप नजर भी रख सके उनके हर तरह के वक्त में आप काम भी आ सकें और बच्चे इस दोस्ती के मायने भी ना बदले उनको उनकी मर्यादा का भी ध्यान रहे और आपके बच्चे इमोशनली , फिजिकली , मेंटली खुद को सेफ भी फिल करें ।

 

जब बच्चे शरारत करते है तो पेरेंट्स कई बार परेशान हो कर उन्हें शरारते करने से रोकते। बच्चों को शरारत करने से रोकने से पहले एक बार अपने बचपन के बारे में सोचे आपने अपने बचपन में कितनी शरारतें की है। अगर आप दोनों वर्किंग है तो बच्चों की हरकतों पर पूरा ध्यान रखें बच्चों को आदत डालें की वे आपकी सहमति के बिना कोई भी काम न करें जिससे उन्हें तकलीफ हो। बच्चों के संग बच्चे फिर बन जाए करें दोस्त बन कर परवरिश

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