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किशोरों को जीवन का उद्देश्य तय करने दें

किसी भी इंसान के लिए तय उद्देश्य के बिना जीवन में खुश और संतुष्ट रहना मुश्किल है। वकिशोर अवस्था में आमतौर पर बच्चे अच्छे कॉलेज में एडमिशन के लिए, स्पोर्ट्स टीम में पार्टिसिपेट करने के लिए या कुछ अन्य उद्देश्यों के साथ जीते हैं। इन सब पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है।
किशोरों को जीवन का उद्देश्य तय करने दें

जयपुर। विश्व में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चें बड़ी संख्या में मानसिक रोग के शिकार हो रहे है। जो एक चिंता का विषय है। आंकड़ों के अनुसार 2007 से 2016 के बीच 75,000 से ज्यादा छात्रों ने आत्महत्या की है। इन दस सालों में छात्रों में आत्महत्या के मामले 52% तक बढ़ गए। दुनिया के सभी देशों के लिए यह चिंता का विषय है।

किशोरों को जीवन का उद्देश्य तय करने दें आपको बता दें कि रिपोर्ट के अनुसार भारत में 15 साल से 29 साल के बच्चों में आत्महत्या की दर दुनियाभर में सबसे ज्यादा है। डिप्रेशन अचानक आता है और किशोरों को घेर लेता है। ज्यादातर मां-बाप को इस बात का पता भी नहीं चलता है कि उनके बच्चे डिप्रेशन में जी रहे हैं। टीनएज बच्चों में डिप्रेशन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

किशोरों को जीवन का उद्देश्य तय करने दें

माता-पिता को लगता है कि वो बच्चों के लिए बहुत कुछ नहीं कर सकते हैं। बच्चे कितने भी बड़े हो जाएं, उन्हें प्यार, देखभाल और सपोर्ट की जरूरत तो होती ही है। 2016 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, जिन परिवारों में थोड़ा पारंपरिक माहौल है, उनके बच्चों में डिप्रेशन के मामले बिल्कुल कम पाए गए हैं।

किशोरों को जीवन का उद्देश्य तय करने दें

माता-पिता को बच्चों से सवाल जरूर करें मगर उन्हें उनसे सहानुभूति रखनी चाहिए। इसके अलावा अभिभावकों को सही-गलत की तुलना करने के बजाय बच्चों की बातों को समझने की कोशिश करनी चाहिए। अगर बच्चों के स्वभाव में चिड़चिड़ापन दिख रहा है, तो मां-बाप उसे डांटने, चिल्लाने के बजाय प्यार से पेश आएं।

किशोरों को जीवन का उद्देश्य तय करने दें

किशोरों में दोस्ती, प्यार, पढ़ाई की टेंशन, रिजल्ट का तनाव, निराशा आदि ऐसे मामले हैं, जहां बच्चे खुद को नहीं संभाल पाते हैं। आमतौर पर बच्चे इन चीजों का सामना उस समय करते हैं, जब उनका बचपन जा रहा होता है और युवापन आ रहा होता है। इस प्रकार से कई बातों को ध्यान में रखकर हम बच्चों को जीवन की सही दिशा दे सकते है।

किशोरों को जीवन का उद्देश्य तय करने दें

किसी भी इंसान के लिए तय उद्देश्य के बिना जीवन में खुश और संतुष्ट रहना मुश्किल है। वकिशोर अवस्था में आमतौर पर बच्चे अच्छे कॉलेज में एडमिशन के लिए, स्पोर्ट्स टीम में पार्टिसिपेट करने के लिए या कुछ अन्य उद्देश्यों के साथ जीते हैं। इन सब पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। किशोरों को जीवन का उद्देश्य तय करने दें

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