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सूर्य को अर्घ्य देने के समय बन रहा ग्रहों का विशेष संयोग

शुक्रवार को छठ महापर्व के दूसरे दिन खरने के साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरूवात हो गई हैं वही ज्योतिष के मुताबिक इस बार छठ पर्व पर ग्रह गोचरों का शुभ संयोग बन रहा हैं शनिवार को सायं कालीन अर्घ्य पर त्रिपुष्कर योग का संयोग बन रहा हैं जबकि रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के दौरान सर्वार्थसिद्धि योग के साथ त्रिपुष्कर योग का शुभ संयोग भी बन रहा हैं।
सूर्य को अर्घ्य देने के समय बन रहा ग्रहों का विशेष संयोग

बता दें कि शुक्रवार को छठ महापर्व के दूसरे दिन खरने के साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरूवात हो गई हैं वही ज्योतिष के मुताबिक इस बार छठ पर्व पर ग्रह गोचरों का शुभ संयोग बन रहा हैं शनिवार को सायं कालीन अर्घ्य पर त्रिपुष्कर योग का संयोग बन रहा हैं जबकि रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के दौरान सर्वार्थसिद्धि योग के साथ त्रिपुष्कर योग का शुभ संयोग भी बन रहा हैं। सूर्य को अर्घ्य देने के समय बन रहा ग्रहों का विशेष संयोगवही महिलाओं ने मिट्टी के कलश, सुपारी डालिया और तरह तरह के मौसमी फल खरीदे। कच्ची हल्दी का पौधा, गन्ना, अमरस की खरीदारी की। देर शाम को महिलाओं ने दूध, खीर, घी रोटी युक्त खरना ग्रहण कर निर्जला व्रत की शुरूआत की हैं। सूर्य को अर्घ्य देने के समय बन रहा ग्रहों का विशेष संयोगवही सूर्य उपासना और लोक आस्था के महापर्व छठ का पहला अर्घ्य शनिवार को दिया जाएगा। शहर के कई घाटों पर दोपहर से पहले महापर्व की रौनक देखने को मिलेगी। वही शाम को छठ के गीतों के बीच सुहागिनें परिजनों के साथ पूजा करने के बाद फलों से भरी डलिया लेकर कमर तक पानी में उतर कर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सूर्य को अर्घ्य देने के समय बन रहा ग्रहों का विशेष संयोगवही छठ महापर्व की कहानी भगवान सूर्य और उनकी पत्नी संध्या से जुड़ी मानी जाती हैं जब संध्या सूर्य के तेज से नाराज होकर तपस्या करने चली गई तो, उन्होंने अपनी छाया को सूर्य के पास छोड़ दिया। जब संध्या तपस्या करके आई तो सूर्य क्रोधित हो गए। छाया को उन्होंने जाने को कह दिया मगर उसने अपना स्थान मांगा तो सूर्य ने उन्हें छठी मैया के रूप में ढाई दिन के लिए अपने साथ रहने का वरदान दिया। यही वजह हैं कि छठ पर्व पर व्रत का अनुष्ठान ढाई दिन होता हैं।सूर्य को अर्घ्य देने के समय बन रहा ग्रहों का विशेष संयोग

शुक्रवार को छठ महापर्व के दूसरे दिन खरने के साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरूवात हो गई हैं वही ज्योतिष के मुताबिक इस बार छठ पर्व पर ग्रह गोचरों का शुभ संयोग बन रहा हैं शनिवार को सायं कालीन अर्घ्य पर त्रिपुष्कर योग का संयोग बन रहा हैं जबकि रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के दौरान सर्वार्थसिद्धि योग के साथ त्रिपुष्कर योग का शुभ संयोग भी बन रहा हैं। सूर्य को अर्घ्य देने के समय बन रहा ग्रहों का विशेष संयोग

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