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चबाने की आवाज करती है आपको बैचेन तो हो सकता है मिसोफोनिया

मिसोफोनिया एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति को खाना खाने, कुछ क्रिस्पी चीजें चबाने के साउंड को सुनते हुए परेशानी होती है। जिस व्यक्ति को भी यह ब्रेन ऐब्नॉर्मेलिटी होती है, उसका ब्रेन इस तरह की आवाज को तुरंत कैच कर लेता है और फिर उसका फोकस वहीं बना रहता है, जब तक कि यह आवाज आनी बंद ना हो जाए।
चबाने की आवाज करती है आपको बैचेन तो हो सकता है मिसोफोनिया

 

जयपुर । हम सभी को अक्सर किसी न किसी स्थिति से परेशानी हो करती है । बहुत ही कम लोग इस बात को समझ पाते हैं और बहुत ही कम लोग इस बात पर गौर भी करते हैं की उनको किसी न किसी स्थिति में डालने पर वह अक्सर बेचेनी महसूस करते हैं । ऐसे में कुछ चीजों को लेयकर ऐसा महसूस करना यह बताता है की यह आपके लिए किसी तरह का मेंटल प्रेशर या परेशानी का कारण है ।

चबाने की आवाज करती है आपको बैचेन तो हो सकता है मिसोफोनिया

आपने अक्सर महसूस किया होगा या फिर दूसरों को भी देखा होगा की उनको खाना खाते समय वाली आने वाली आवाज़ काफी परेशान कर देती है । वैसे तो खाना खाते समय आवाज करना अच्छी बात नही होती है यह एटीकेट्स के खिलाफ होता है । पर बावजूद इसके कई लोग खाना खाते समय आवाज करते हैं जिससे कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है । इस तरह की सिटीटी को मिसोफोनिया कहा जाता है ।चबाने की आवाज करती है आपको बैचेन तो हो सकता है मिसोफोनिया

मिसोफोनिया एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति को खाना खाने, कुछ क्रिस्पी चीजें चबाने के साउंड को सुनते हुए परेशानी होती है। जिस व्यक्ति को भी यह ब्रेन ऐब्नॉर्मेलिटी होती है, उसका ब्रेन इस तरह की आवाज को तुरंत कैच कर लेता है और फिर उसका फोकस वहीं बना रहता है, जब तक कि यह आवाज आनी बंद ना हो जाए।चबाने की आवाज करती है आपको बैचेन तो हो सकता है मिसोफोनिया

मिसोफोनिया के लक्षणों में सांस लेने की आवाज, खाना खाने के दौरान होनेवाली आवाज, पेन की क्लिक करने की आवाज, घड़ी की सुई की आवाज, किसी के कुछ निगलने की आवाज या कुछ चाटने की आवाज शामिल होती है। हालांकि इसमें खाना चबाने की आवाज से होनेवाली इरिटेशन को अधिक देखा जाता है। इन आवाजों के कारण मिसोफोनिया से ग्रस्त व्यक्ति को तनाव, गुस्सा या चिड़चिड़ाहट होने लगती है।चबाने की आवाज करती है आपको बैचेन तो हो सकता है मिसोफोनिया

मेसोफोनिया एक ऐसा विकार है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति न केवल ऐसी आवाजें सुनकर विचलित हो जाता है बल्कि पूरी तरह से इस स्थिति से बचना चाहता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि मेसोफोनिया से पीड़ित लोगों में ब्रेन का Anterior Insular Cortex हिस्सा जो भावनाओं को तय करता है, मेसोफोनिया से ग्रसित लोगों में बहुत एक्टिव था। रिसर्च में यह भी सामने आया कि जो लोग मेसोफोनिया से ग्रसित होते हैं, उन्हें अपनी डेली रुटीन लाइफ में अजस्टमेंट करना पड़ता है।

मिसोफोनिया एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति को खाना खाने, कुछ क्रिस्पी चीजें चबाने के साउंड को सुनते हुए परेशानी होती है। जिस व्यक्ति को भी यह ब्रेन ऐब्नॉर्मेलिटी होती है, उसका ब्रेन इस तरह की आवाज को तुरंत कैच कर लेता है और फिर उसका फोकस वहीं बना रहता है, जब तक कि यह आवाज आनी बंद ना हो जाए। चबाने की आवाज करती है आपको बैचेन तो हो सकता है मिसोफोनिया

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