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चेस्ट रेडियोग्राफी से पता लगाया जा सकेगा उसकी मौत का पूर्वानुमान

जयपुर । अभी तक हम सभी एक्सरे करवाते आए थे यह पता लगाने के लिए की कहीं हमको कोई फ्रेक्चर कोई परेशानी तो नहीं है । ऐसे में एक्सरे के बारे में आज बच्चा बच्चा भी जानता है । की जहा हमारे बॉडी पार्ट्स की अंदरूनी जानकारी के लिए एक किया जाता है । यही
चेस्ट रेडियोग्राफी से पता लगाया जा सकेगा उसकी मौत का पूर्वानुमान

जयपुर । अभी तक हम सभी एक्सरे करवाते आए थे यह पता लगाने के लिए की कहीं हमको कोई फ्रेक्चर कोई परेशानी तो नहीं है । ऐसे में एक्सरे के बारे में आज बच्चा बच्चा भी जानता है । की जहा हमारे बॉडी पार्ट्स की अंदरूनी जानकारी के लिए एक किया जाता है । यही ही सबसे पहली तकनीक तो जो हमारे हड्डियों की जानकारी बहुत ही आसानी से बता पाती थी । चेस्ट रेडियोग्राफी से पता लगाया जा सकेगा उसकी मौत का पूर्वानुमान
पर अब एक्सरे सिर्फ बीमारी का पता लगाने भर की जानकारी ही नहीं रह गया है । बल्कि यह आपको यह भी बताएगा की आपकी उम्र कितनी रह गई है । जी हाँ अब चेस्ट रेडियोग्राफी यह बताएगी की आपकी उम्र कितनी है आपकी मौत कब हो सकती है । यह आपको थोड़ा अजीब लग सकता है । पर जी हाँ साइन ने इतन्नी तरक्की कर ली है की अब हमारी मौत का पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है । चेस्ट रेडियोग्राफी से पता लगाया जा सकेगा उसकी मौत का पूर्वानुमान
हाल ही में न्यू यार्क के रिसर्चेज ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पवार टूल का विकास किया है । जो चेस्ट एक्सरे में मौजूद जानकारी का इस्तेमाल कर दीर्घकालिक मृत्यु का पूर्वानुमान लगा सकता है। जर्नल जामा नेटवर्क ओपन में इस स्टडी के बारे में जानकारी को प्रकाशित किया गया है, जिसमें उन मरीजों के बारे में पता लगाया गया है जो स्क्रीनिंग या एक्स-रे का सबसे ज्यादा स्वास्थ लाभ उठा सकते हैं। दिल की बीमारी, लंग कैंसर और अन्य बीमारियों के स्क्रीनिंग में लक्षण दिखाई देने पर शुरुआती स्टेज में ही दवाइयां लेने पर व्यक्ति की स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सकता है। चेस्ट रेडियोग्राफी से पता लगाया जा सकेगा उसकी मौत का पूर्वानुमान
इस जानकारी को निकालने के लिए एक कॉन्वोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क यानी एक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस टूल डिवलप किया है जिसका नाम सीएक्सआर रिस्क (CSR-RISK) दिया गया ।
इसकी ट्रेनिंग के लिए करीब 42,000 पार्टिसिपेंट्स के 85,000 से भी ज्यादा एक्स-रेज का इस्तेमाल किया गया। हर इमेज को इस पॉइंट पर पेयर किया गया कि क्या टेस्ट लेने वाला व्यक्ति टेस्ट लेने के बाद के 12 साल में जिंदा  बचा लिया गया।  चेस्ट रेडियोग्राफी से पता लगाया जा सकेगा उसकी मौत का पूर्वानुमान

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