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आज से चातुर्मास आरम्भ, श्री हरि योग निद्रा में जाएंगे

चतुर्मास लगने से शादी विवाह, मुंडन, कर्ण छेदन जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं इस काल में पूजन पाठ व्रत उपवास और साधना का विशेश महत्व होता हैं ऐसा भी कहा जाता हैं कि भगवान विष्णु चार माह के लिए क्षीरसागर में योग निद्रा पर निवास करते हैं इस दौरान ब्रह्मांड की सकारात्मक शक्तियों को बल पहुंचाने के लिए व्रत पूजन और अनुष्ठान का भी अत्याधिक महत्व होता हैं।
आज से चातुर्मास आरम्भ, श्री हरि योग निद्रा में जाएंगे

बता दें, कि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी की शुक्रवार से चातुर्मास शुरू हो रहा हैं वही भगवान श्रीहरि विष्णु के योग निद्रा में जाने से मांगलिक कार्य नहीं होंगे वही अब शहनाइ्र नवंबर में ही गूजेंगी। चार महीने तक व्रत पूजन और पर्वों का दौर चलेगा। वही आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 12 जुलाई यानी आज से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी आठ नवंबर तक चतुर्मास बना रहेगा।आज से चातुर्मास आरम्भ, श्री हरि योग निद्रा में जाएंगे वही ज्योतिष के मुताबिक एकादशी को पदमनाभा और प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता हैं वही यह भी मान्यता हैं, कि एकादशी व्रत करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं वही भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व होता हैं वही इस रात्रि ही भगवान का स्वर्णकाल आरंभ हो जाता हैं।आज से चातुर्मास आरम्भ, श्री हरि योग निद्रा में जाएंगे

वही भगवान विष्णु के निद्रा में जाने से इस काल को देवशयन काल माना जाता हैं, चतुर्मास में नकारात्मक विचार उत्पन्न हो जाते हैं इस महीे में दुर्घटना, आत्महत्या आदि जैसी घटनाओं की अधिकता होती हैं वही दुर्घटनाओं से बचने के लिए मनीषियों ने चतुर्मास में एक ही स्थान पर गुरु यानी की ईश्वर की पूजा करने को महत्व दिया हैं। इससे शरीर में सकारात्मक शक्ति बनी रहती हैं।

आज से चातुर्मास आरम्भ, श्री हरि योग निद्रा में जाएंगे

ये हैं पूजन साधना का महीना—
बता दें, कि चतुर्मास लगने से शादी विवाह, मुंडन, कर्ण छेदन जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं इस काल में पूजन पाठ व्रत उपवास और साधना का विशेश महत्व होता हैं ऐसा भी कहा जाता हैं कि भगवान विष्णु चार माह के लिए क्षीरसागर में योग निद्रा पर निवास करते हैं इस दौरान ब्रह्मांड की सकारात्मक शक्तियों को बल पहुंचाने के लिए व्रत पूजन और अनुष्ठान का भी अ​त्याधिक महत्व होता हैं। आज से चातुर्मास आरम्भ, श्री हरि योग निद्रा में जाएंगे

चतुर्मास लगने से शादी विवाह, मुंडन, कर्ण छेदन जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं इस काल में पूजन पाठ व्रत उपवास और साधना का विशेश महत्व होता हैं ऐसा भी कहा जाता हैं कि भगवान विष्णु चार माह के लिए क्षीरसागर में योग निद्रा पर निवास करते हैं इस दौरान ब्रह्मांड की सकारात्मक शक्तियों को बल पहुंचाने के लिए व्रत पूजन और अनुष्ठान का भी अ​त्याधिक महत्व होता हैं। आज से चातुर्मास आरम्भ, श्री हरि योग निद्रा में जाएंगे

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