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इस मंत्र को रोज रोज बोलने से मिलेगा शुभ फल

अक्सर ही समय के अभाव में विधिवत पूजा करने का समय नहीं मिलता ऐसे में इस मंत्र के जाप से पूजा को संपन्न कर सकते हैं। मंत्र- शुभम करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्। शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते।।इस मंत्र का अर्थ होता है शुभ और कल्याण करने वाली, आरोग्य और धन संपदा देने वाली, शत्रु बुद्धि का नाश और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए दीपक की ज्योति को हम नमस्कार करते हैं।
इस मंत्र को रोज रोज बोलने से मिलेगा शुभ फल

जयपुर। अक्सर हम सभी अपने घर में सुबह शाम पूजा पाठ करते हैं ऐसे में कई बार अनजाने में ही कई लगती कर बैठते हैं जिस कारण से कई सारी परेशानियों का सामना जीवन में करनी पड सकती है। हम में से कई लोग पूजा पाठ में कुछ ऐसी गलती कर देते हैं, जिस कारण से पूजा का शुभ प्रभाव नहीं मिलता।

शास्त्रों में माना जाता है जब पूजा की जाती है, उस समय सबसे पहले दीपक जलाएं उसके बाद ही पूजा शुरु करें।  क्योंकि बगैर दीपक जलाए पूजा नहीं करनी चाहिए, कई बार कई लोग पूजा शुरु कर देते हैं उसके बाद दीपक जलाते हैं। ऐसा करने से पूजा अधूरी रह जाती है।

इस मंत्र को रोज रोज बोलने से मिलेगा शुभ फल

कई बार हम लोगो के पास समय का अभाव रहता है ऐसे में पूजा विधिवत करने का समय नहीं मिलता, ऐसे में पूजा को विधिवत करने का समय ना होने पर  हम इस ऐसा मंत्र इस लेख में बता रहें हैं जिसे बोलने से पूजा संपन्न किया जा सकता है। आज इस लेख में पूजा पाठ को लेकर कुछ जरूरी बाते बता रहें हैं। जिसका पालन करने से पूजा का शुभ फल मिलेगा।

इस मंत्र को रोज रोज बोलने से मिलेगा शुभ फलसमय के अभाव में इस मंत्र का जाप शुभफल देगा व पूजा को भी संपन्न कराएंगा।

मंत्र- शुभम करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्। शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते।।

इस मंत्र का अर्थ होता है शुभ और कल्याण करने वाली, आरोग्य और धन संपदा देने वाली, शत्रु बुद्धि का नाश और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए दीपक की ज्योति को हम नमस्कार करते हैं।

इस मंत्र को रोज रोज बोलने से मिलेगा शुभ फल

अगर दीपक को जलाते समय और आरती करते समय अगर इस मंत्र का जाप किया जाए तो मंत्र के प्रभाव से घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है और मंत्र के प्रभाव के कारण शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।

इस मंत्र को रोज रोज बोलने से मिलेगा शुभ फल

  • पूजा पाठ के नियम में इस बात का ध्यान रखें की देवी-देवताओं के सामने अगर घी का दीपक जला रहें है तो इस दीपक को बाएं ओर जलाना चाहिए वही अगर तेल का दीपक जला रहें हैं तो दाएं ओर को जलाना चाहिए।

इस मंत्र को रोज रोज बोलने से मिलेगा शुभ फल

  • पूजा में अगर घी का दीपक जला रहें है तो इसके लिए सफेद रुई की बत्ती का प्रयोग करें और तेल के दीपक का प्रयोग करें तो लाल धागे की बत्ती का प्रयोग करना शुभ रहता है।

 

अक्सर ही समय के अभाव में विधिवत पूजा करने का समय नहीं मिलता ऐसे में इस मंत्र के जाप से पूजा को संपन्न कर सकते हैं। मंत्र- शुभम करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्। शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते।।इस मंत्र का अर्थ होता है शुभ और कल्याण करने वाली, आरोग्य और धन संपदा देने वाली, शत्रु बुद्धि का नाश और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए दीपक की ज्योति को हम नमस्कार करते हैं। इस मंत्र को रोज रोज बोलने से मिलेगा शुभ फल

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