Samachar Nama
×

आज रविवार को करें इन मंत्रों का जाप, बरसेगी महादेव की कृपा

जयपुर। आज रविवार है। तथा ऐसा माना जाता है कि आज सूर्य देव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस लिए आज हम आपके लिए इस आर्टिकल में श्रावन मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ खास मंत्र लेकर आए हैं। इनके जाप से भोलेनाथ आप से जरुर
आज रविवार को करें इन मंत्रों का जाप, बरसेगी महादेव की कृपा

जयपुर।  आज रविवार  है। तथा ऐसा माना जाता है कि आज सूर्य देव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस लिए आज हम आपके लिए इस आर्टिकल में श्रावन मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने  के लिए कुछ खास मंत्र लेकर आए हैं। इनके जाप से भोलेनाथ आप से जरुर प्रसन्न होंगे।

आज रविवार को करें इन मंत्रों का जाप, बरसेगी महादेव की कृपा

मंत्र –

1 ॐ नमः शिवाय.

2 ॐ पार्वतीपतये नमः.

आज रविवार को करें इन मंत्रों का जाप, बरसेगी महादेव की कृपा

3 ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय.

4 ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा
आज रविवार को करें इन मंत्रों का जाप, बरसेगी महादेव की कृपा

5  इं क्षं मं औं अं.

6 नमो नीलकण्ठाय.

7  प्रौं ह्रीं ठः.

8  ऊर्ध्व भू फट्.
आज रविवार को करें इन मंत्रों का जाप, बरसेगी महादेव की कृपा

जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌।
डमड्डमड्डमड्डमनिनादवड्डमर्वयं
चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम ॥॥

जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी ।
विलोलवी चिवल्लरी विराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके
किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं ॥॥

कराल भाल पट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल-
द्धनंजया धरीकृतप्रचंडपंचसायके ।
धराधरेंद्र नंदिनी कुचाग्रचित्रपत्रक-
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने मतिर्मम ॥॥

नवीन मेघ मंडली निरुद्धदुर्धरस्फुर-
त्कुहु निशीथिनीतमः प्रबंधबंधुकंधरः ।
निलिम्पनिर्झरि धरस्तनोतु कृत्ति सिंधुरः
कलानिधानबंधुरः श्रियं जगंद्धुरंधरः ॥॥

प्रफुल्ल नील पंकज प्रपंचकालिमच्छटा-
विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधरम्‌
स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमंतकच्छिदं भजे ॥॥

मन्दारमालाङ्कुलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।
श्री अखण्डानन्दबोधाय शोकसन्तापहा​रिणे।
सच्चिदानन्दस्वरूपाय शंकराय नमो नम:॥

‘ऊं शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊं नमः’।।

‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं आं शं शंकराय मम सकल जन्मांतरार्जित पाप विध्वंसनाय श्रीमते आयुःप्रदाय,
धनदाय, पुत्रदारादि सौख्य प्रदाय महेश्वराय ते नमः कष्टं घोर भयं वारय वारय पूर्णायुः वितर
वितर मध्ये मा खण्डितं कुरु कुरु सर्वान् कामान् पूरय पूरय शं आं क्लीं ह्रीं ऐं ऊं’
सम संख्याम सावित्रीम् जपेत्-
ॐ तत्पुरुषाय च विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र प्रचोदयात ।।

 

Share this story