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Madhya pradesh के उप-चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार

मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उपचुनावों में मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार बनने लगे हैं क्योंकि बहुजन समाज पार्टी ने भी उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला कर लिया है। राज्य में अब तक हुए उपचुनाव पर नजर दौड़ाएं तो एक बात साफ हो जाती है कि अब तक
Madhya pradesh के उप-चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार

मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उपचुनावों में मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार बनने लगे हैं क्योंकि बहुजन समाज पार्टी ने भी उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला कर लिया है।

राज्य में अब तक हुए उपचुनाव पर नजर दौड़ाएं तो एक बात साफ हो जाती है कि अब तक उप-चुनाव में मुकाबला सीधा भाजपा और कांग्रेस के बीच रहा है, मगर इस बार बसपा ने अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने का फैसला करके मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के संकेत दे दिए हैं।

बसपा ने उपचुनाव के लिए आठ उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। यह सभी आठ उम्मीदवार ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से हैं। राज्य में जिन 27 विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव होने वाले हैं उनमें 16 विधानसभा सीटें इसी अंचल से आती हैं और बसपा का वोट बैंक भी है।

बसपा की ओर से यही कहा जा रहा है कि पार्टी सभी 27 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारेगी और अभी सिर्फ आठ उम्मीदवारों का ही फैसला हुआ है। बाकी स्थानों के लिए उम्मीदवारों का जल्दी ही फैसला कर लिया जाएगा।

ज्ञात हो कि बसपा ने जौरा विधानसभा क्षेत्र से सोनेराम कुशवाहा, मुरैना से रामप्रकाश राजौरिया, अम्बाह से भानुप्रताप सिंह संखवार, इसी तरह मेहगांव से योगेश मेघ सिंह नरवरिया, गोहद से जसवंत पटवारी, डबरा से संतोष गौड़, पोहरी से कैलाश कुशवाहा और करैरा से राजेंद्र जाटव को उम्म्मीदवार बनाया गया है ।

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक राकेश अचल का कहना है कि उप-चुनाव में बसपा के उम्मीदवार उतारने से भाजपा केा लाभ होने वाला है, क्योंकि यह बसपा के उम्मीदवार कांग्रेस के वोट काटने से ज्यादा कुछ नहीं करने वाले। वास्तव में इस अंचल में भाजपा की नाक दांव पर है, लिहाजा यह सियासी गुणा-भाग के चलते बसपा के उम्मीदवार मैदान में उतारे जा रहे हैं।

उनका आगे कहना है कि बसपा केाई विचारधारा वाला राजनीतिक दल तो है नहीं यह तो पूरी तरह अवसरवाद पर चलता है। इस समय जब कांग्रेस संकट में है और बसपा प्रमुख मायावती उलझी हुई है, लिहाजा उन्हें भाजपा की मदद करना पड़ रही है। बसपा का इस क्षेत्र में जनाधार है और उसके उम्मीदवार अपरोक्ष रुप से भाजपा की मदद करेंगे, क्योंकि बसपा का वोट भाजपा को मिलने वाला नहीं है, यह वोट कांग्रेस को जा सकता है, इसलिए कांग्रेस को वोट न मिले इस रणनीति के तहत बसपा अपने उम्मीदवार मैदान में उतार रही है।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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