Chanakya Niti: चाणक्य अनुसार घर को स्वर्ग बनाने के लिए ये चीजें है जरूरी
चाणक्य की नीतियां देश विदेश में प्रसिद्ध मानी जाती हैं इनकी नीतियों में मनुष्य के जीवन से जुड़ी कई सारी बातों का जिक्र किया गया हैं चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र ग्रंथ में जहां जीवन जीने की कला को लेकर कई नीतियां बनाई हैं। तो वही जीवन से जुड़े हर एक पहलू पर भी कई तरह की बातों का जिक्र किया गया हैं श्लोक के मुताबिक चाणक्य ने घर को स्वर्ग के समान बनाने के लिए तीन चीजों का होना जरूरी बताया हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख में इन्हीं के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
परोपकरणं येषां जागर्ति हृद्ये सताम् |
नश्यन्ति विपदस्तेषां संपदः स्यु पदे पदे ||
श्लोक में चाणक्य ने कहा है कि मनुष्य को परोपकारी की भावना से परिपूर्ण होना चाहिए। परोपकार में ही व्यक्ति का आत्म कल्याण निहित होता हैं चाणक्य के मुताबिक जिनका ह्रदय परोपकार से भरा होता हैं उन्हें कभी विपत्तियों का सामना नहीं करना पड़ता हैं उनके मार्ग की सभी बाधांए अपने आप दूर हो जाती हैं और वे कदम कदम पर सफलता हासिल करते हैं। परोपकार से युक्त व्यक्ति दुस रहित होकर सुखमय जीवन जीता हैं इसलिए इंसान को यथासंभव परोपकार करते रहना चाहिए।
यदि रामा यदि च रमा अहितनयो विनयगुणोपेतः।
यदि तनये तनयोत्पतिः सुखमिन्द्रे किमाधिक्यम् ।।
इस श्लोक में सदाचारिणी और पतिव्रत पत्नी, सदगुणों से युक्त पुत्र पौत और आवश्कताएं पूर्ण करने हेतु पर्याप्त धन व्यक्ति के जीवन को सुखमय बनाने के लिए चाणक्य ने उपयुक्त तीनों को अहम माना हैं। चाणक्य के अनुसार अगर मनुष्य को ये तीनों चीजें मिल जाती हैं तो उसके लिए उसका घर ही स्वर्ग समान हो जाता हैं। फिर उसे किसी और स्वर्ग की कोई इच्छा नहीं रह जाती हैं।