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Hathras scandal के बाद कांग्रेस के सामने उप्र उपचुनाव में साबित करने की चुनौती

हाथरस मामले को लेकर सियासी हलचल के बीच कांग्रेस को चुनावी लड़ाई में अपनी ताकत साबित करनी होगी। राज्य में होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर चाहे वह सत्तारूढ़ भाजपा हो, विपक्षी सपा, बसपा या कांग्रेस हो, यह सभी के लिए लिटमस टेस्ट होने वाला है। 2019 के पिछले आम चुनावों में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में
Hathras scandal के बाद कांग्रेस के सामने उप्र उपचुनाव में साबित करने की चुनौती

हाथरस मामले को लेकर सियासी हलचल के बीच कांग्रेस को चुनावी लड़ाई में अपनी ताकत साबित करनी होगी। राज्य में होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर चाहे वह सत्तारूढ़ भाजपा हो, विपक्षी सपा, बसपा या कांग्रेस हो, यह सभी के लिए लिटमस टेस्ट होने वाला है। 2019 के पिछले आम चुनावों में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में केवल एक सीट जीत पाई थी, ऐसे में भारत की सबसे पुरानी पार्टी के लिए उपचुनावों में वोट हासिल करना और मतदाताओं के मूड को भांपना टेढ़ी खीर है।

कांग्रेस यह चुनाव सीधे प्रियंका गांधी के नेतृत्व में लड़ रही है, जो अपनी टीम के साथ राज्य के पार्टी मामलों से जुड़ी हर छोटी-बड़ी चीज का प्रबंधन कर रही है।

सोनभद्र से लेकर हाथरस तक ऐसे कई मामलों में पार्टी सबसे आगे रही है और सड़कों पर उतरी है।

राज्य में अपराध का ग्राफ बढ़ा है और बलिया में गोलीबारी की घटना ने सरकार पर विपक्ष के हमले को तेज धार दे दी है।

प्रियंका गांधी ने भी इस मौके को भुनाते हुए ट्वीट कर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “यूपी में पिछले एक हफ्ते में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 13 भयावह घटनाएं घटी। खबरों के अनुसार, 4 घटनाओं में पीड़िता की हत्या कर दी गई या पीड़िताओं ने आत्महत्या कर ली। महिला सुरक्षा की ये दुर्गति विचलित करती है। सीएम साहब को इसपर ‘स्पेशल सेशन’ करने का समय नहीं, हां फोटोसेशन चालू है।”

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी राज्य में अपनी ताकत का परीक्षण कर रही है।

राज्य के कांग्रेस सचिव धीरज गुर्जर ने कहा, “कांग्रेस इन उपचुनावों को गंभीरता से लड़ रही है और हम ऐसे मुद्दों को उठा रहे हैं जो लोगों को प्रभावित करते हैं।”

सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 3 नवंबर को होंगे और मतगणना 10 नवंबर को होगी। जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, ये सभी सीटें भाजपा के पास थीं। भाजपा ने दिवंगत चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान को आगामी उप-चुनावों में नौगवां सादात सीट से चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि उषा सिरोही अपने दिवंगत पति वीरेंद्र सिरोही के नक्शेकदम पर चलते हुए बुलंदशहर सीट से चुनाव लड़ रही हैं।

तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा ने दोनों को अपने उम्मीदवारों के रूप में नामित किया है।

पार्टी ने बांगरमऊ सीट से भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर को टिकट नहीं दिया है। कुलदीप सेंगर दुष्कर्म मामले में दोषी हैं। पार्टी ने श्रीकांत कटियार को वहां से अपना उम्मीदवार बनाया है।

मल्हनी में भाजपा के उम्मीदवार मनोज सिंह होंगे, जबकि प्रेमपाल धनगर टूंडला सीट से चुनाव लड़ेंगे।

अगस्त में यूपी की मंत्री कमल रानी वरुण के निधन के बाद खाली हुई घाटमपुर सीट के लिए पार्टी ने उपेंद्र पासवान को उतारा है।

इस बीच, कांग्रेस ने राकेश मिश्रा को मल्हनी सीट से उम्मीदवार बनाया है।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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