Chaitra navratri: कल आश्विन नक्षत्र और चंद्रमा मेष राशि में, बढ़ेगी चैत्र नवरात्रि की शुभता
देवी मां भगवती की उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल, दिन मंगलवार से आरंभ होने जा रहा हैं पिछले साल लॉकडाउन के कारण देवी मंदिरों में सन्नाटा छाया रहा और इस साल भी कोरोना का कहर बना हुआ हैं ऐसे में माता रानी की पूजा घर के मंदिर में करना बेहद शुभ और फलदायी रहेगा। नवरात्रि में देवी मां दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती हैं वही नवरात्रि का समापन 22 अप्रैल को होगा। तो आज हम आपको इस पर्व के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
ज्योतिष अनुसार प्रतिपदा तिथि 12 अप्रैल दिन सोमवार को शाम 6:58 बजे से शुरू हो जाएगी। जो मंगलवार सुबह 8: 46 बजे तक रहेगी। इसलि प्रतिपदा का मान उदया तिथि में 13 अप्रैल को होगा। इस दिन सूर्य की मेष राशि में संक्रांति होगी। इससे सूर्य अपनी उच्च राशि में प्रवेश को होगा। इस दिन भौमाष्टमी और सर्वार्थ अमृतसिद्धि योग नवरात्रि के महात्म्य में वृद्धि करेगा। इसी दिन नवसंवत्सर की शुरुआता भी होगी।
नवरात्रि में नहीं होगा तिथियों का क्षय—
आपको बता दें कि इस बार चैत्र मास की नवरात्रि में किसी भी तिथि का क्षय नहीं होगा। 13 अप्रैल को आश्विन नक्षत्र और चंद्रमा मेष राशि में रहेगा। इसे नवरात्रि की शुभता बढ़ जाएगी। चैत्र नवरात्रि के पूरे नौ दिन देवी मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाएगी। ऐसा कहा जाता हैं जो भी भक्त नवरात्रि में देवी मां की श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं उनपर देवी मां का आशीर्वाद हमेशा बना रहता हैं अधिकतर भक्त नवरात्रि के नौ दिनों तक माता का व्रत उपवास करते हैं जिससे देवी मां प्रसन्न हो जाए और अपने भक्तों की सभी कामनाओं को पूरा करें।जानिए पूजन का शुभ मुहूर्त—
13 अप्रैल— सूर्योदय 5:43 से सुबह 8:46 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त— सुबह 11: 36 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक।