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Delhi में पुलिस की हर जगह मौजूदगी के बावजूद बढ़ी चेन झपटमारी

राजधानी में महामारी के कारण कम ट्रैफिक, पुलिस की हर जगह मौजूदगी भी चेन स्नैचिंग के मामलों पर अंकुश लगाने में पुलिस आश्चर्यजनक रूप से विफल रही। इस साल 15 अगस्त तक दिल्ली की सड़कों पर करीब 4257 लोग झपटमारी के शिकार हुए हैं। वहीं पिछले साल की समान अवधि के दौरान शिकार हुए लोगों
Delhi में पुलिस की हर जगह मौजूदगी के बावजूद बढ़ी चेन झपटमारी

राजधानी में महामारी के कारण कम ट्रैफिक, पुलिस की हर जगह मौजूदगी भी चेन स्नैचिंग के मामलों पर अंकुश लगाने में पुलिस आश्चर्यजनक रूप से विफल रही। इस साल 15 अगस्त तक दिल्ली की सड़कों पर करीब 4257 लोग झपटमारी के शिकार हुए हैं। वहीं पिछले साल की समान अवधि के दौरान शिकार हुए लोगों की संख्या से 247 थी।

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2019 में करीब 6266 लोगों ने दिल्ली की सड़कों पर स्नैचिंग की रिपोर्ट की थी, जबकि साल 2018 में 6932 लोगों ने इसी तरह के अपराध की शिकायत दर्ज कराई थी।

बात यह है कि कुछ मामलों में स्नैचिंग से पीड़िताओं को गंभीर चोटें आईं और यह अपराध राष्ट्रीय राजधानी में सबसे घातक सड़क पर होने वाले अपराधों में से एक है।

हाल ही में एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, जिसमें एक 50 वर्षीय एक महिला से सोने के चेन छीनने के प्रयास में उसको दोपहिया वाहन से घसीटकर नीचे गिरा दिया गया था और चौराहा व्यस्त होने के कारण घटना को अंजाम दिया गया।

पीड़िता की पहचान अस्पताल में काम करने वाली स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रमिला सिंह के रूप में हुई। घटना में उन्हें एक हाथ में फ्रैक्चर, सिर और घुटनों पर चोट आई और दुर्घटना के कारण उनके बाएं कान ने काम करना बंद कर दिया। वह शुक्रवार रात कश्मीरी गेट के पास से होकर गुजर रही थी और मोटरसाइकिल उनके पति चला रहे थे।

दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी की एक अन्य महिला मंगलवार सुबह झपटमारों से बचने के दौरान गिर पड़ी। वह पार्क में सुबह की सैर के लिए निकली थी, तभी दो मोटरसाइकिल सवारों ने उसका मोबाइल छीन लिया।

पीड़िता के पति अकरम रजा ने कहा, “जब यह घटना घटी, तब दिल्ली पुलिस के दो जवान मौजूद थे, लेकिन उन्होंने हमारी मदद नहीं की।”

वहीं इस साल मई में झपटमारों ने एक महिला पत्रकार को निशाना बनाया। वह नई दिल्ली में आरएमएल अस्पताल के बाहर खड़ी थी और अपने मोबाइल पर कहानी फिल्मा रही थी और उसका फोन सेल्फी स्टिक से जुड़ा था।

झपटमारी की घटनाओं से संकेत मिलता है कि लॉकडाउन के बावजूद झपटमार बहुत अधिक सक्रिय थे और ऐसा लगता है कि दिल्ली की खाली सड़कों ने उन्हें आसानी से भाग जाने में मदद की।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “स्नैचिंग और लूट के मामलों में शामिल कई अपराधी ऐसे हैं, जिनका पिछला रिकॉर्ड है। स्नैचिंग और डकैती के कई मामलों में शामिल रहे कई लोग महामारी के कारण जेलों से पैरोल पर बाहर हैं। इससे राजधानी में झपटमारी और डकैती के मामले बढ़ सकते हैं।”

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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