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Assam-Mizoram border पर तैनात किए जा रहे केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवान

असम-मिजोरम सीमा पर अब केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीपीएमएफ) के जवानों को तैनात किया जा रहा है, क्योंकि इलाके में पिछले 10 दिन से जारी तनाव बरकरार है। असम के गृह सचिव ज्ञानेंद्र देव त्रिपाठी ने गुवाहाटी में मीडिया से कहा, केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान आ चुके हैं और उन्हें असम-मिजोरम अंतर-राज्य सीमाओं के साथ
Assam-Mizoram border पर तैनात किए जा रहे केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवान

असम-मिजोरम सीमा पर अब केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीपीएमएफ) के जवानों को तैनात किया जा रहा है, क्योंकि इलाके में पिछले 10 दिन से जारी तनाव बरकरार है। असम के गृह सचिव ज्ञानेंद्र देव त्रिपाठी ने गुवाहाटी में मीडिया से कहा, केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान आ चुके हैं और उन्हें असम-मिजोरम अंतर-राज्य सीमाओं के साथ तैनात किया जा रहा है।

त्रिपाठी ने कहा, हमें उम्मीद है कि सीपीएमएफ की तैनाती के बाद अंतर-राज्यीय सीमा संबंधी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 306 पर नाकाबंदी हुए शुक्रवार को 10 दिन हो चुके हैं। यह राजमार्ग मिजोरम की जीवन रेखा माना जाता है। मिजोरम ने कहा है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, वह राज्यों की सीमा पर तैनात अपने सुरक्षा बलों को नहीं हटाएंगे।

दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। दक्षिणी असम के लैलापुर के इनायाज अली की इस सप्ताह की शुरूआत में मिजोरम की कस्टडी में मौत हो गई थी। असम के अधिकारियों ने उनकी मौत से पल्ला झाड़ लिया है। मिजोरम के गृह सचिव लालबिक्सांगी ने कहा कि अली को ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था और उसे सोमवार को एक अस्पताल में मृत पाया गया, जब उसे स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल जांच के लिए भेजा गया था।

मिजोरम सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य के गृह सचिव ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र में सूचित सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर जानकारी दी है। जोरम (मिजोरम) और सिलचर (असम) के वाहन ड्राइवरों के संयुक्त प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित किया गया है।

दरअसल असम के सीमावर्ती इलाके के लोग आवश्यक वस्तुओं को ले जा रहे ट्रकों को मिजोरम में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं। वे चाहते हैं कि मिजोरम सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को हटा ले। हालांकि मिजोरम ने इस बात से इनकार कर दिया है और असम सरकार पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है। बीते 17 अक्टूबर को दोनों राज्यों के सीमावर्ती गांवों के लोगों के बीच हिंसक झड़प के बाद से सीमा पर गतिरोध बरकरार है।

बता दें कि बीते 17 अक्टूबर को असम के कछार जिले के लैलापुर गांव और मिजोरम के कोलासिब जिले के वैरेंगटे गांव के निवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए थे। भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब कुछ अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया था।

इस घटना के बाद असम, मिजोरम और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि दोनों राज्यों के बीच गतिरोध बरकरार है।

हिंसा के बाद बीते 19 अक्टूबर को विश्वास बहाली के क्रम में दोनों राज्यों के अधिकारियों ने कछार जिले में आपस में बातचीत की थी। उसके बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में 29 अक्टूबर को मिजोरम और असम के मुख्य सचिवों की एक ऑनलाइन बैठक हुई थी, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों सुरक्षा बलों की तैनाती पर चर्चा हुई थी।

भल्ला ने दोनों मुख्य सचिवों से आग्रह किया था कि वे अपने-अपने सीमावर्ती क्षेत्रों से सुरक्षा बल हटा लें ताकि आसपास के इलाके में शांति बहाल हो सके।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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