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40 की उम्र के बाद परेशान कर सकता है मोतियाबिन्द

मोतियाबिंद का ऑपरेशन सामान्य और दूरबीन दोनों तरह से होता है । इसमें सरकारी अस्पतालों केंप के जरिये 400 रुपए से इलाज़ शुरू है इसके साथ ही 7000 से लेकर 1 लाख रुपए तक इस ओपरेशन में खर्चा आ जाता है ।इसके बाद भी आँखों को काफी देख भाल की जरूरत पड़ती है । इसके साथ खानपान का खासा ध्यान रखा जाता है । जैसे छाछ या कुछ खट्टा नही खाना साथ ही धूप का चश्मा पहनने की सख्त हिदायत दी जाती है ।
40 की उम्र के बाद परेशान कर सकता है मोतियाबिन्द

जयपुर । 40 की उम्र तक आते आते लगभग व्यक्ति का शरीर उस पड़ाव तक आने लगता है जिसमें वह धीरे धीरे थकने लगता है । जवानी का जोश धीरे धीरे ठंडा होने लगता है । जो ताकत जो जोश जवानी में  रहता है वह धीरे धीरे खतम होने लगता है ।40 की उम्र के बाद परेशान कर सकता है मोतियाबिन्द

ऐसे में कई बीमारिया है जो हमको इस उम्र के पड़ाव पर घेरने लगती है । लोगों को इस उम्र में ज़्यादातर हड्डी और या फिर दिल की और आँखों की बीमारियाँ होती है । ऐसे में लोगों को मोतियाबिन्द की परेशानी इस उम्र में दृष्टि हिन होने का सबसे बड़ा कारण बन रहा है ।  40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में दृष्टि हानि का सबसे आम कारण है और दुनिया में अंधेपन का प्रमुख कारण मोतियाबिंद है ।

मोतियाबिन्द क्या है ?

मोतियाबिंद दो तरह का होता है। एक कोमल और दूसरा कड़ा। कोमल मोतियाबिंद नीले रंग का होता हैं जो बचपन से लेकर 35 साल की उम्र के व्यक्ति को होता है। वहीं कड़ा मोतियाबिंद पीले रंग का होता हैं जो ज्यादातर बुढ़ापे में ही होता है। यह एक आंख में भी हो सकता हैं और एक साथ दोनों आंखों में भी। इस बीमारी में  आंख के लैंस में एक धब्बा आ जाता है और चीजें धुंधली नजर आती हैं। कई बार महसूस होता है की प्रकाश या कोई भी रंग बहुत ज्यादा चमक रहा है उसके बाद वह सब धुंधला नजर आने लगता है ।40 की उम्र के बाद परेशान कर सकता है मोतियाबिन्द

क्या है मोतियाबिंद के लक्षण ?

आंख की पुतली के पीछे एक लेंस होता है। पुतली पर लाइट को यह लेंस फोकस करता है और रेटिना पर ऑब्जेक्ट की साफ इमेज बनाता है। रेटिना से यह इमेज नर्व्स तक और वहां से दिमाग तक पहुंचती है। पुतली के पीछे का यह लेंस बिलकुल साफ होता है तभी लाइट आसानी से पास हो पाती हैं लेकिन जब लेंस में कुछ धुंधलापन आ जाता हैं तो इसमें लाइट गुजरनी बंद हो जाती हैं, जिससे व्यक्ति को साफ दिखाई नहीं देता। इसी प्रॉब्लम को मोतियाबिन कहा जाता है। इलाज ना करवाने पर यह समस्या बढ़ती जाती हैं जिससे रोशनी कम होती जाती है। 40 की उम्र के बाद परेशान कर सकता है मोतियाबिन्द

मोतियाबिंद होने के कारण क्या हो सकते हैं ?

मधुमेह यानि की डायबिटीज सिर्फ गुर्दे या दिल के लिए खतरनाक नहीं बल्कि आंखों पर भी बुरा असर डालती है। मधुमेह के कारण होने वाली आंखों की इन बीमारियों से बचने के लिए समय समय पर जांच करवाते रहना चाहिए। कुछ मरीजों में लैंस में धुंधलापन आ जाता है, उसकी पारदर्शिता खत्म हो जाती है इसे डायबिटिक कैटरैक्ट कहते हैं।

  • उच्च रक्तचाप
  • मोटापा
  • धूम्रपान
  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं का लंबे समय तक उपयोग
  • स्टैटिन की दवाएं कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं
  • पिछली आंख के कारणकी चोट या सूजन
  • आनुवांशिक कारण जाता है ।
  • आहार में बरती गई लापरवाही भी इसके होने के कारणों में से एक है ।
  • कई बार यह पुरानी सर्जरी के कारण भी हो40 की उम्र के बाद परेशान कर सकता है मोतियाबिन्द

क्या है इसका इलाज़ घरेलू तौर पर ?

यह बीमारी यदि बहुत ज्यादा बढ़ी हुई नही है मात्र अभी आंशिक रूप से हुई है तो इसका इलाज़ घरेलू उपायों के जरिये किया सकता है  ।

4 बादाम को रात भर भिगोकर रखें और सुबह इसे 4 काली मिर्च के साथ पिसकर मिश्री के साथ खाएं। इसके उपर से दूध पीएं। आपकी मोतियाबिंद की परेशानी सही हो सकती है ।

10 मि.ली. सफेद प्याज, अदरक और नींबू का रस लें और इसे 50 मि.ली शहद में मिलाकर रोजाना 2 बूंद आंखों में डालें। इससे मोतियाबिंद कट जाता है। 40 की उम्र के बाद परेशान कर सकता है मोतियाबिन्द

कौनसे योगासान हैं जो आपको मोतियाबिंद की परेशानी से बचा सकते हैं ?

अनलोम विलोम का नियमित प्रयोग हमारी आंखों के लिए भी वरदान साबित हुआ है। नियमित अनलोम—विलोम करने वाले लोगों को आंखों से संबंधित कोई समस्या नहीं होती है। बल्कि जिन लोगों को चशमा लगा हुआ है या जिनकी आंखें कमजोर हैं उन्हें भी अनलोम विलोम करने से फायदा मिलता है। इसके साथ ही तनाव और चिंता से भी आराम मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अनलोम-विलोम प्राणायाम का सीधा संबंध हमारे मस्तिष्क से है। इसलिए जिन लोगों को आंखों से संबंधित कोई भी समस्या है उन्हें रोजाना 10 मिनट अनलोम-विलोम’प्राणायाम करना चाहिए। ध्यान रहे अनलोम-विलोम  प्राणायाम 10 मिनट से ज्यादा करना सही नहीं है।40 की उम्र के बाद परेशान कर सकता है मोतियाबिन्द

भ्रामरी प्राणायम में कान को अंगूठे से अच्छी तरह बंद करना है। बाकी चार उंगलियों को माथे पर रखना होता है। इसके बाद पूरे ध्यान और लगन से ओम का उच्चारण करना होता है। ऐसा करने से हमारी आंखों को बहुत सुकून और आराम तो मिलता ही है साथ हमारी आंखों की खोई हुई रोशनी को भी वापिस आने में मदद मिलती है।

इसके साथ ही आपको सुबह में सूर्य की किरणों के आने के साथ ही कम से कम 20 मिनिट नंगे पैर घाँस पर घूमने से भी बहुत फायदा होता है ।

ठंडे पानी से आंखों की सिकाई करने से आंखों की सूजन और तनाव दूर होता है। इसके लिए साफ कपड़े में बर्फ लपेटें और उसे बंद आंखों पर रखें। गुलाब जल तनावपूर्ण और थकी आंखों के लिए अच्छा है। इसके अलावा खीरे के टुकड़े आंखों पर रख सकते हैं।40 की उम्र के बाद परेशान कर सकता है मोतियाबिन्द

इस बीमारी में कौनसे आहार लें जिससे की यह बीमारी ठीक हो सकती है ?

जामुन में एंथोसायनोसाइड्स  तथा फ्लेवनाइड्स  काफी अधिक होते हैं जो कि रेटिना और आंखों के लैंस  की रक्षा करते हैं हालांकि जामुन से मोतियाबिंद पूरी तरह नहीं हटता लेकिन दृष्टि की अस्पष्टता को ठीक किया जा सकता है।

कच्चे पपीते, मोतियाबिंद से ग्रसित लोगों को लाभ देता है। कच्चा पपीता रोजाना खाने करने से आंखों के लेंस नए जैसे चमकने लगते हैं।

310 मि.ली. गाजर के रस में 125 मि.ली. पालक का रस मिलाकर पीएं। इससे भी मोतियाबिंद दूर हो जाता है।

इसके साथ ही ओमेगा फेटी 3 ऐसिड युक्त खाध्य और साथ ही विटामिन ई से भरपूर भोजन करने से आपको इस बीमारी से निजात पाने में बहुत लाभ मिलता है ।

40 की उम्र के बाद परेशान कर सकता है मोतियाबिन्द

मोतियाबिंद का आखरी उपचार ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी ?

मोतियाबिंद का ऑपरेशन सामान्य और दूरबीन दोनों तरह से होता है । इसमें सरकारी अस्पतालों केंप के जरिये 400 रुपए से इलाज़ शुरू है इसके साथ ही 7000 से लेकर 1 लाख रुपए तक  इस ओपरेशन  में खर्चा आ जाता है ।

इसके बाद भी आँखों को काफी देख भाल की जरूरत पड़ती है । इसके साथ खानपान का खासा ध्यान रखा जाता है । जैसे छाछ या कुछ खट्टा नही  खाना साथ ही धूप का चश्मा पहनने की सख्त हिदायत दी जाती है ।40 की उम्र के बाद परेशान कर सकता है मोतियाबिन्द

 

 

 

 

 

 

मोतियाबिंद का ऑपरेशन सामान्य और दूरबीन दोनों तरह से होता है । इसमें सरकारी अस्पतालों केंप के जरिये 400 रुपए से इलाज़ शुरू है इसके साथ ही 7000 से लेकर 1 लाख रुपए तक  इस ओपरेशन  में खर्चा आ जाता है ।इसके बाद भी आँखों को काफी देख भाल की जरूरत पड़ती है । इसके साथ खानपान का खासा ध्यान रखा जाता है । जैसे छाछ या कुछ खट्टा नही  खाना साथ ही धूप का चश्मा पहनने की सख्त हिदायत दी जाती है । 40 की उम्र के बाद परेशान कर सकता है मोतियाबिन्द

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