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अभी तक का सबसे सफल आविष्कार, वैज्ञानिकों ने बनाई ऐसी नैनोट्यूब जो पानी को करेगी शत-प्रतिशत साफ

रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने एक नई दुबारा काम में आने वाली कार्बन नैनोट्यूब को विकसित करने में सफलता हासिल की है। यह नैनोट्यूब जो प्रदूषित जल को सिलिकॉन जैल और सक्रिय कार्बन से अधिक प्रभावी ढंग से साफ कर सकता है। पर्यावरण विज्ञान जल: अनुसंधान और प्रौद्योगिकी पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन
अभी तक का सबसे सफल आविष्कार, वैज्ञानिकों ने बनाई ऐसी नैनोट्यूब जो पानी को करेगी शत-प्रतिशत साफ

रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने एक नई दुबारा काम में आने वाली कार्बन नैनोट्यूब को विकसित करने में सफलता हासिल की है। यह नैनोट्यूब जो प्रदूषित जल को सिलिकॉन जैल और सक्रिय कार्बन से अधिक प्रभावी ढंग से साफ कर सकता है।

पर्यावरण विज्ञान जल: अनुसंधान और प्रौद्योगिकी पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि ये नए तरह के कार्बन नैनोट्यूब गंदे कीचड़ और ज्यादा प्रदूषित जल के लिए अगली पीढ़ी में समाधान साबित हो सकते हैं। स्कूल ऑफ केमिस्ट्री में सहायक प्रोफेसर जॉन-डेविड रोचा के अनुसार यह पहलू एकदम नया है जिसमें कार्बन नैनोट्यूब और उनके गुणों के जरिए और नई प्रसंस्करण तकनीकों के साथ, नैनोट्यूब से पानी के दूषित पदार्थों को निकाल सकते हैं।

कार्बन नैनोट्यूब भंडारण करने की इकाइयां हैं जो मानव बाल की चौड़ाई से भी 50,000 गुना छोटी होती हैं। बाहरी आवरण इनका सिंगल होने के साथ-साथ कार्बन नैनोट्यूब बनाने के लिए, शोधकर्ताओं ने पहली बार ग्रेफाइट को नैनोमीटर के साइज में बदल दिया जिसे ग्रेफेन कहा जाता था।  ये भी पढें जब तपते रेगिस्तान में हुई बर्फबारी, विज्ञान भी बस देखता ही रहा, क्या है इसका कारण?

साथ ही इसके भौतिक गुणों में परिवर्तन करके उसके रासायनिक संरचना को बदला गया और फिर यह निर्धारित किया गया कि ये कैसे व्यवहार करता है।  छोटी सामग्रियों में छेड़छाड़ करके नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए, शोधकर्ताओं ने उच्च-गुणवत्ता वाले वाले कार्बन नैनोट्यूब को पृथक किया और उन्हें उनके धातु के गुणों के आधार पर अलग किया।

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शोधकर्ताओं का दावा है कि उनके ये कार्बन नैनोट्यूब एक शोषक के रूप में कार्य कर सकते हैं जो दूषित पदार्थों को पानी से बाहर खींच सकते हैं। उन्होंने कहा कि पानी के अणुओं को स्वतंत्र रूप से कागज के माध्यम से पारित किया जा सकता है,  जबकि नैनोट्यूब से पानी में कार्बनिक दूषित पदार्थ भी बाहर निकाले जा सकते हैं।

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