Samachar Nama
×

पर्यावरण में बढ़ रही है कार्बन डाईआॅक्साइड,लोगों की हालत हो रही खराब

हाल ही में मौसम विभाग कार्यलय से मिली सूचना में इस बात का खुलासा किया गया है कि 1958 के बाद से पर्यावरण में अब तक कार्बन डाईआॅक्साइड की 30 प्रतिशत तक बढ़ातरी हो चुकी है। 2018 के मुकाबले इस साल भी 2.75 प्रति दस लाख उत्सर्जन अधिक होने की संभावना जताई जा रही है।
पर्यावरण में बढ़ रही है कार्बन डाईआॅक्साइड,लोगों की हालत हो रही खराब

जयपुर। आजकल शहरों का वातावरण इतना दूषित हो गया है कि वहां के लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। पर्यावरण प्रदूषण के मामले में दिल्ली का सबसे पहले नाम जुबान पर आता है। क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस शहर को भारत का सबसे प्रदूषित घोषित कर चुकि है।

पर्यावरण में बढ़ रही है कार्बन डाईआॅक्साइड,लोगों की हालत हो रही खराब

यहां पर प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि लोगों को बाहर निकलने के लिए मास्क का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। अभी हाल ही में आयी एक सूचना में एक और चिंता वाली बात सामने आयी है। सूचना में बताया बताया गया है कि इस साल कार्बन डाईआॅक्साइड के उत्सर्जन में और भी ज्यादा वृद्धि के आसार है।

पर्यावरण में बढ़ रही है कार्बन डाईआॅक्साइड,लोगों की हालत हो रही खराब

​ब्रिटेन में एक्जेटर विश्वविद्यालय के शोधकर्ता इसके बढ़ने का कारण में मानव जनित उत्सर्जन का बढ़ना, उष्ण कटिबंधीय जलवायु परिवर्तनशीलता के कारण परिस्थितिक तंत्र द्वारा कार्बन डाईआॅक्साइड लिये जाने में अपेक्षाकृत कमी आना शामिल है।

पर्यावरण में बढ़ रही है कार्बन डाईआॅक्साइड,लोगों की हालत हो रही खराब

शोधकर्ताओं अनुसार 1958 से अब तक पर्यावरण में कार्बन डाईआॅक्साइड में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। प्रोफेसर रिचर्ड बेट्स इसका कारण जीवाश्म ईंधनों ,वनों की कटाई और सीमेंट उत्पादन को बता रहे हैं। साथ ही ये भी कहा है पर्यावरण में कार्बन डाईआॅक्साइड को ग्रहण करने वाले स्रोतों की कमी है।

पर्यावरण में बढ़ रही है कार्बन डाईआॅक्साइड,लोगों की हालत हो रही खराब

इसका कारण मानव द्वारा वनों की अंधाधुंध कटाई का बताया है।  मौसम विभाग कार्यलय ने यह भी आशंका जताई है कि इस साल 2018 के मुकाबले 2.75 प्रति दस लाख उत्सर्जन अधिक होगा। यही वजह लोगों में सांस के रोगियों की संख्या बढ़ा सकती है। इससे शहरी जनसंख्या के अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।

हाल ही में मौसम विभाग कार्यलय से मिली सूचना में इस बात का खुलासा किया गया है कि 1958 के बाद से पर्यावरण में अब तक कार्बन डाईआॅक्साइड की 30 प्रतिशत तक बढ़ातरी हो चुकी है। 2018 के मुकाबले इस साल भी 2.75 प्रति दस लाख उत्सर्जन अधिक होने की संभावना जताई जा रही है। पर्यावरण में बढ़ रही है कार्बन डाईआॅक्साइड,लोगों की हालत हो रही खराब

Share this story