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लिख कर नहीं बयां कर सकते हम एक-एक बात, कुछ था जो नज़रों से नज़रों तक रह गया – शायरी

जयपुर। आज हम आपके लिए इस आर्टिकल में दिल को छू लेने वालसी कुछ बेहद ही खास शायरियां लेकर आए हैं जिन्हें पढ़कर आपको जीवन में आने वाले उतार चढ़ावों से लड़ने की ताकत मिलेगी। बता दें कि हर बात को लिखकर या बोलकर वयां नहीं की जा सकती। दिलों का रिश्ता ही कुछ ऐसी
लिख कर नहीं बयां कर सकते हम एक-एक बात, कुछ था जो नज़रों से नज़रों तक रह गया – शायरी

जयपुर। आज हम आपके लिए इस आर्टिकल में दिल को छू लेने वालसी कुछ बेहद ही खास शायरियां लेकर आए हैं जिन्हें पढ़कर आपको जीवन में आने वाले उतार चढ़ावों से लड़ने की ताकत मिलेगी। बता दें कि हर बात को लिखकर या बोलकर वयां नहीं की जा सकती। दिलों का रिश्ता ही कुछ ऐसी होता है। बिा कुछ बोले ही अपने हमसफर की बातों को समझ जाते हैं।

लिख कर नहीं बयां कर सकते हम एक-एक बात, कुछ था जो नज़रों से नज़रों तक रह गया – शायरी

सच ही कहते है लोग की ख्वाइशों की कोई हद नहीं होती,

मेरी अनगिनत ख्वाइशें देखो वो, वो और बस वो

सोचने से कहां मिलते हैं तमन्नाओं के शहर,

चलने की ज़िद भी जरूरी हैं मंज़िलो के लिए।

रास्ते में लूट लेती हैं ये दुनिया अक्सर उन्हें,

जिन्हें ख़ुद की कीमत का अंदाजा नही होता।

ये तो तुम्हारे महोब्बत का नतीजा है,

वार्ना हम इतनी आसानी से सुधरने वाले नहीं थे।

न जाने ये कैसी खुमारी दिखती है,

पागल होने की तैयारी दिखती है।

जब से मिला हूं तुमसे में ऐ जाने जान,

जिस सिम्त भी देवू सूरत तुम्हारी दिखती है।

बात तो सिर्फ तुम्हारी थी,

वार्ना महोब्बत तो बहुत करते है हमसे।

नजर मिले तो उसे इजहार कहते हैं,

रात को नीद ना आये तो उसे प्यार कहते हैं,

मिले दिल तो उसे इकरार कहते हैं,

पर इन सब में जो ना पड़े उसे समझदार कहते हैं।

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