अगर हो रही है सांस लेने में तकलीफ तो हो सकते है अस्थमा के संकेत
जयपुर। गर्मी में तापमान में गिरावट के कारण शरीर में कई प्रकार की समस्या उत्पन्न हो जाती है। जिनमें से सांस लेने में तकलीफ को शामिल किया जाता है। लेकिन कई बार लोग इस समस्या को हल्के में ले लेते है। जिसके कारण ये समस्या और भी बढ़ती जाती है।
एक्सपर्ट के अनुसार यदि सांस की समस्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है तो यह अस्थमा के संकेत भी हो सकते हैं। अस्थमा का कारण स्थिति और पर्यावरणीय कारकों की वजह से विकसित होना और आनुवांशिक गड़बड़ी दोनों हो सकते हैं।
यह बीमारी श्वसन संबंधी विकार, वायु प्रदूषकों के संपर्क आदि के कारण भी यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। डॉक्टर अस्थमा के उपचार के बारे में बताते है कि अस्थमा गैर-संचारी रोग है। इसे दवाओं और अन्य सहायक थैरेपी से नियंत्रित किया जा सकता है।
हालांकि इनकी मदद से इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। इस स्थिति में नियमित निगरानी और उपचार की आवश्यकता होती है। अस्थमा के रोगियों को ट्रिगर्स रोकने के लिए सरल एहतियाती उपाय करने की सलाह दी जाती है। इन उपायों का यदि सावधानीपूर्वक अभ्यास किया जाए तो काफी हद तक अस्थमा के हमलों की फ्रिक्वेंसी को कम करने में मदद मिल सकती है।
अस्थमा कुछ लोगों को मामूली तौर पर परेशान कर सकती है, जबकि यह दूसरों के लिए जानलेवा भी हो सकती है। इससे बचाव के लिए एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाओंख, ल्यूकोट्रिएन मोडिफायर्स और बीटा एंटागॉनिस्ट्स जैसी दीर्घकालिक दवाएं हर दिन लक्षणों पर जांच रखने के लिए रोगियों को दी जाती हैं। लक्षणों को तुरंत नियंत्रित करने के लिए रोगियों को क्विक-रिलीफ दवाएं दी जाती हैं। साथ ही एलर्जी के लिए दवाएं उन रोगियों को भी दी जाती हैं जिनमें एलर्जी की वजह से अस्थमा होता है।