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गणितीय समीकरणों द्वारा समझा जा सकता है उंगलियां चटकाना

जयपुर। जब भी आपको थकान होती है तो सबसे पहले आप अपने पैरों और हाथों की उंगलियों को चिटकाते है। जिससे आपको लगता है की थोड़ी थकान तो कम हुई लेकीन ऐसा नहीं है। इसके पीछे एक साइंस छुपी हुई है। जब हम अपनी उंगलियां चटकाते हैं तो हम अपने जोड़ों को खींच रहे होते
गणितीय समीकरणों द्वारा समझा जा सकता है उंगलियां चटकाना

जयपुर। जब भी आपको थकान होती है तो सबसे पहले आप अपने पैरों और हाथों की उंगलियों को चिटकाते है। जिससे आपको लगता है की थोड़ी थकान तो कम हुई लेकीन ऐसा नहीं है। इसके पीछे एक साइंस छुपी हुई है। जब हम अपनी उंगलियां चटकाते हैं तो हम अपने जोड़ों को खींच रहे होते हैं और जब हम ऐसा करते हैं तोगणितीय समीकरणों द्वारा समझा जा सकता है उंगलियां चटकाना

बुलबुले तरल के रूप में होते है जिसे साइनोवियल फ्लूड कहा जाता है। अमरीका और फ्रांस के शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका कारण गणित के तीन समीकरणों के मॉडल से ये साबित होता है कि ये आवाज़ हड्डियों के जोड़ में जो तरल पदार्थ होता है, उसमें बुलबुले फूटने की वजह से होती है।गणितीय समीकरणों द्वारा समझा जा सकता है उंगलियां चटकाना

  • पहले समीकरण – इससे पता चला कि जब हम अपनी उंगलियां चटकाते हैं, हमारी हड्डियों के जोड़ों में अलग-अलग दबाव होता है।
  • दूसरे समीकरण – इससे पता चलता है कि अलग दबाव से बुलबुलों का साइज़ भी अलग होता है।
  • तीसरा समीकरण – इसमें अलग-अलग साइज़ वाले बुलबुलों को, आवाज़ करने वाले बुलबुलों के साइज़ के साथ जोड़ा।गणितीय समीकरणों द्वारा समझा जा सकता है उंगलियां चटकाना

इन समीकरणों से जब समझा और मापा गया तो इससे ये भी पता चलता है कि कुछ लोग अपनी उंगलियां क्यों नहीं चटका पाते हैं। अगर आपकी उंगलियों के टखनों की हड्डियों में ज्यादा जगह है तो दबाव उतना नहीं हो पाता कि आवाज़ पैदा करे।गणितीय समीकरणों द्वारा समझा जा सकता है उंगलियां चटकाना

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