युवाओं के बार—बार शराब पीने से बढ़ जाता है जल्दी मौत का खतरा
जयपुर। शराब का सेवन आज के समय में लोगों में काफी हद तक बढ़ गया है। पहले शराब का सेवन केवल व्यस्कों के ही चलन में था। लेकिन आज के समय में युवावस्था में इसका चलन काफी बढ़ गया है। विशेषज्ञ इसके बारे में बताते है कि युवास्था एक ऐसी अवस्था है जिसमें सब कुछ बिना समझे-बुझे लापरवाही से किया गया काम जान को जोखिम में डाल देता है। आनंद और उत्साह से सराबोर होकर बिंज ड्रिंकिंग करने यानी थोड़ा-थोड़ा और बार-बार पीने वाले युवाओं की नींद खो जाने का खतरा रहता है। इसी के संबंध में हाल ही में एक नया शोध किया गया है, जिसमें बताया गया है स्कूल छात्र-छात्राएं सीमित मात्रा में बार-बार शराब पीते हैं, उन्हें पहली ही नींद के दौरान मरने का खतरा होता है। उन्होंने बिंज ड्रिंकिंग के बारे में में बताया कि बिंज ड्रिंकिंग का तात्पर्य पुरुष का दो घंटे में चार बार शराब पीना और महिलाओं का दो घंटों में पांच बार शराब पीने से है। जो भी युवा कम समय में इतनी शराब पीता है, उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर तो पड़ता ही है, उसकी मौत का जोखिम भी बना रहता है। जबकि अमेरिका की यूनिविर्सटी ऑफ अलाबामा के शोधकर्ता बताते हैं की शराब मूलभूत शारीरिक कार्य-प्रणाली को नुकसान पहुंचाती है। इससे नींद में मर जाने का जोखिम भी बना रहता है। शराब की वजह से पेट में जलन, गले में संकुचन जैसे कई समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। वहीं अल्कोहल प्वॉइजनिंग के महत्वपूर्ण और गंभीर लक्षण भ्रम, उल्टी, सांस की गति धीमी होना, असामान्य श्वसन और हाइपोथर्मिया हैं।