2040 तक कम से कम 1.5 करोड़ लोग करवाएँगे कैंसर की बीमारी का इलाज़
जयपुर । कैंसर एक जानलेवा बीमारी है । यह बीमारी जिस किसी को भी हो जाये वह या तो खुद ही इस जंग को हार बैठता है यह सोच कर की अब वो नही बचेगा या फिर इतनी ज्यादा देर हो चुकी होती है की उसका इलाज़ करवा पाना ही बहुत मुश्किल हो जाता है ।कैंसर का पता चलने में ही इतनी देर हो जाती है की इस बीमारी का इलाज़ करवा पाना असंभव सा हो जाता है ।
आज हम बात कर रहे हैं कैंसर की बीमारी के इलाज़ पर हुए शोध के बारे में । हाल ही में इस बात पर शोध हुआ की जिस प्रकार से आज कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं । उसके चलते बहुत ही जल्द मरीजों की तादाद लाखों ही नही बल्कि करोड़ों में बढ़ जाएगी । जो की बहुत ही गंभीर बात है ।
आज के समय में नहीं नहीं करते हुये भी यदि देखा जाये तो कम से कम हर गहर में 1 इंसान कैंसर का रोगी मिल ही जाएगा । अगर यही ही हालत रहे तो इस बीमारी को महामारी बनने में जरा भी वक्त नही लगेगा । प्रतिष्ठित पत्रिका ‘लांसेट ऑन्कोलॉजी’ में हाल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि 2018 से 2040 तक दुनिया भर में हर साल कीमोथेरपी कराने वाले मरीजों की संख्या 53 प्रतिशत के इजाफे के साथ 98 लाख से 1.5 करोड़ हो जाएगी । राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर कीमोथेरपी के लिए पहली बार अध्ययन में इस तरह का आकलन किया गया है।
सिडनी में यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया के इंगहैम इंस्टिट्यूट फॉर अप्लाइड मेडिकल रिसर्च, किंगहार्न कैंसर सेंटर, लीवरपूल कैंसर थेरपी सेंटर और इंटरनैशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर, लिओन के अध्ययनकर्मियों ने यह स्टडी की है। यूएनएसडब्ल्यू की अध्ययनकर्मी ब्रुक विल्सन के मुताबिक दुनिया भर में कैंसर का बढ़ रहा खतरा निस्संदेह आज के समय में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ा संकट है। उन्होंने कहा कि मौजूदा और भविष्य के मरीजों के सुरक्षित उपचार के लिए वैश्विक स्वास्थ्य कार्यबल को तैयार करने के लिए तुरंत रणनीति बनाने की जरूरत है।