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BSE500 में शामिल 49 शेयरों में 1 हफ्ते में दिया 10-30% का रिटर्न Small और midcap ने किया आउटपरफॉर्म

अच्छे ग्लोबल संकेत, इंडिया इंक के अच्छे प्रदर्शन, बेहतर आर्थिक आकंड़ों, आरबीआई की तरफ से इकोनॉमी को सपोर्ट देने के लिए उठाए कदमों की वजह से बाजार सेटिमेंट में सुधार आया है औऱ कोविड -19 के बढ़ते मामलों के बावजूद बाजार में बढ़त आती दिखी है। बता दें कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर
BSE500 में शामिल 49 शेयरों में 1 हफ्ते में दिया 10-30% का रिटर्न Small और midcap ने किया आउटपरफॉर्म

अच्छे ग्लोबल संकेत, इंडिया इंक के अच्छे प्रदर्शन, बेहतर आर्थिक आकंड़ों, आरबीआई की तरफ से इकोनॉमी को सपोर्ट देने के लिए उठाए कदमों की वजह से बाजार सेटिमेंट में सुधार आया है औऱ कोविड -19 के बढ़ते मामलों के बावजूद बाजार में बढ़त आती दिखी है।

बता दें कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के चलते एक दिन लगभग 4 लाख नए मामले मिल रहे हैं।पिछले हफ्ते अहम इंडेक्स अपने मनोवेज्ञानिक लेवल के ऊपर बंद हुए। बीएसई सेसेंक्स 49000 के ऊपर बंद हुआ  जबकि निफ्टी एक बार फिर से 14800 का स्तर हासिल करते दिखा। दिग्गजों की तुलना में छोटे-मझोले शेयरों का प्रदर्शन ज्यादा बेहतर रहा। पिछले हफ्ते बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 1.4 फीसदी और स्म़ॉलकैप इंडेक्स में 2.5 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। इस हफ्ते एनएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉल कैप दोनों ने निफ्टी से बेहतर प्रदर्शन किया है।

यूएस और चाइना से आते मजबूत आकंड़ों से भी ग्लोबल मार्केट को सपोर्ट मिल रहा है।अलग-अलग सेक्टर पर नजर डालें तो पिछले हफ्ते लगातार दूसरे हफ्ते मेटल इंडेक्स  टॉप परफॉर्मर रहा। मेटल इंडेक्स में सिर्फ 5 कारोबारी सत्र मे 10 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। मजबूत  ग्लोबल डिमांड के चलते मेटल कीमतों में बढ़त देखने को मिल रही है।शुक्रवार को निफ्टी ने क्लोजिंग बेसिस पर एक बार फिर 14800 का स्तर हासिल किया जो इसका 50 -Days SMA है। जानकारों का कहना है कि अब निफ्टी को 14900-15000 के लेवल पर कुछ रजिस्टेंस का सामान करना पड़ सकता है।

बीते हफ्ते का सबसे बड़ा सकारात्मक पक्ष यह रहा कि निफ्टी अपने  14800 के अहम रजिस्टेंस से ऊपर बंद होने में कामयबा रहा। अब निफ्टी कम से कम  15000-15050 का स्तर छू सकता है श्रीकांत चव्हाण ने आगे कहा कि पिछले हफ्ते एफआईआई ने कैश सेगमेंट में 5500  करोड़ की बिकवाली की इस ट्रेंड में जल्द ही बदलाव की दरकार है। अगर ऐसा नहीं होता है तो बाजार पर दबाव बनता दिखेगा।

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