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बृहस्पति देव की पूजा में पढें इस आरती को

जयपुर । बृहस्पतिवार का दिन बृहस्पति देव की पूजा का दिन माना जाता है। बृहस्पति देव सभी देवी-देवताओं के गुरु माने जाते हैं। बृहस्पति देव की पूजा करने से जीवन सुखमय होता है। गुरूवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा का विधान है। हिन्दू धर्म में बृहस्पति देव को बुद्धि और शिक्षा का देवता माना
बृहस्पति देव की पूजा में पढें इस आरती को

जयपुर । बृहस्पतिवार का दिन बृहस्पति देव की पूजा का दिन माना जाता है। बृहस्पति देव सभी देवी-देवताओं के गुरु माने जाते हैं। बृहस्पति देव की पूजा करने से जीवन सुखमय होता है।

गुरूवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा का विधान है। हिन्दू धर्म में बृहस्पति देव को बुद्धि और शिक्षा का देवता माना गया है। आज के दिन बृहस्पति देव की पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आज इनकी पूजा करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। बृहस्पति देव की पूजा को पूरा करने के लिए आज इस आरती का प्रयोग करें।

जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा ।
छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्घार खड़े ॥

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ॥

सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी ॥

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहत गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ॥

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