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टूटते रिश्ते और बिगड़ती बातें भी संभाली जा सकती है इन तरीको से

एक्सपर्ट्स का कहना है की कभी-कभी कपल्स केवल एक-दूसरे की गलतियों को नोटिस करते हैं और सकारात्मक लक्षणों की कभी सराहना नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि एक साथी ने दूसरे को 'स्वार्थी' करार दिया है, तो यह धारणा समय के साथ कम होने के बजाय बढ़ती जाती है। स्वार्थी शब्द सुनने पर सामने वाला भी खुद को इस खांचे में ढालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ता है।
टूटते रिश्ते और बिगड़ती बातें भी संभाली जा सकती है इन तरीको से

जयपुर । आज कल रिश्तों का यतुटा और उन्ब्मेन झडगे होना जैसे रिश्ते की9 जरूरत सा बन गया है कोई भी यह नहीं क्क्ष्हहता है की उनका रिश्ता बहुत लंबा जले जन्म जनम का रिश्ता हो । लोगों का सच्चे प्यार और रिहस्तों पर से भ्यारोसा उठ सा गया है । इन सभी कारणों के चलते ना जाने कितने घर बिखरा जाते हैं , ना जाने कित्न्बे लोगों की जिंदगी तबाह हो जाती है , न जाने कितनों के दिल में रिशों का दर बैठह जाता है । टूटते रिश्ते और बिगड़ती बातें भी संभाली जा सकती है इन तरीको से
ऐसे में ऐसा नहीं है की सिर्फ एक तरह से रिश्ता टूटता है । जब रिशग्ता टूटता हाइओ तो दोनों पर ही बहुत प्रभाव पड़ता है । आज हम आपको ब्वाटाने जा अरहे हैं की कैसे अप अपने बिगाडते रिश्ते को संवार कलर अपने4 प्यार को बरकार रख सकते हैं आइये 33ए हैं इस बारे में । टूटते रिश्ते और बिगड़ती बातें भी संभाली जा सकती है इन तरीको से
एक्सपर्ट्स का कहना है की कभी-कभी कपल्स केवल एक-दूसरे की गलतियों को नोटिस करते हैं और सकारात्मक लक्षणों की कभी सराहना नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि एक साथी ने दूसरे को ‘स्वार्थी’ करार दिया है, तो यह धारणा समय के साथ कम होने के बजाय बढ़ती जाती है। स्वार्थी शब्द सुनने पर सामने वाला भी खुद को इस खांचे में ढालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ता है।टूटते रिश्ते और बिगड़ती बातें भी संभाली जा सकती है इन तरीको से
कभी-कभी ऐसा होता है कि आपका पार्टनर किसी बात को लेकर परेशान रहता है इसलिए अकेला रहना शुरू कर देता है। ऐसी स्थिति में उसे अकेला छोड़ने के बजाय उसके साथ बात करने की कोशिश करें। ऐसे में उसका आप पर विश्वास भी बढ़ेगा और हो सकता है कि आपका पार्टनर आपके पास वापस आ जाएगा।टूटते रिश्ते और बिगड़ती बातें भी संभाली जा सकती है इन तरीको से

3: आपके प्रयासों का आखिरी विकल्प यह हो सकता है कि अगर आपका पार्टनर आपके साथ रिलेशनशिप में नहीं रहना चाहता तो आप उसे जाने दें। किसी भी रिश्ते को खत्म करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि उसे बदतर बनाकर तोड़ें।

एक्सपर्ट्स का कहना है की कभी-कभी कपल्स केवल एक-दूसरे की गलतियों को नोटिस करते हैं और सकारात्मक लक्षणों की कभी सराहना नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि एक साथी ने दूसरे को 'स्वार्थी' करार दिया है, तो यह धारणा समय के साथ कम होने के बजाय बढ़ती जाती है। स्वार्थी शब्द सुनने पर सामने वाला भी खुद को इस खांचे में ढालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ता है। टूटते रिश्ते और बिगड़ती बातें भी संभाली जा सकती है इन तरीको से

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