Aashram Review: ढोंगी धर्मगुरूओं और राजनीति पर कटाक्ष करती प्रकाश झा की आश्रम
वेब सिरीज: आश्रम
निर्देशक: प्रकाश झा
कलाकार: बॉबी देओल, अदिति पोहनकर, चंदन राय सान्याल, तुषार पांडेय, अनुप्रिया गोयनका, दर्शन कुमार, अध्ययन सुमन, त्रिधा चौधरी, विक्रम कोचर, सचिन श्रॉफ, राजीव सिद्धार्थ, तन्मय रंजन, अनुरिता झा
रेटिंग: 3 स्टार
देश में ऐसे कई जगह हैं जहां पर डेरों का प्रभाव लोगों में सबसे ज्यादा है। क्योंकि ये डेरे देश के ऐसे कई लोगों आश्रय देते है और उनका सहयोग करते है। लेकिन उनमे से कुछ ऐसे डेरे होते है जो धर्म, आस्था और भक्ति के नाम पर कुकर्मों को अंजाम देने का काम करते है। कई बार ऐसे डेरों में राजनीतिक जगत के लोग भी इसका समर्थन करते हुए नजर आते है क्योंकि इससे उनको सत्ता हथियाने में सहायता मिलती है। कई बार यही डेरे और राजनीति दल के लोग लोगों की इसी आस्था का गलत इस्तेमाल करते हुए नजर आते है। आज रिलीज हुई बॉलीवुड के डायरेक्टर प्रकाश झा द्वारा डायरेक्ट वेब सीरीज आश्रम की कहानी भी कुछ ऐसी है। ये वेब सीरीज ओटीटी प्लेटफार्म एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हो गई है।
कहानी
इस वेब सीरीज की कहानी शुरू होती है नीची जात की परमजीत उर्फ पम्मी से जो एक पहलवान बनना चाहती है। लेकिन उनको बड़ी जाति के लोग ऐसा करने के लिए रोकते है। जब सीधे तौर पर बात नहीं बनती है तो इसके लिए शाजिश रची जाती हैं और पम्मी मुकाबला हार जाती है। वहीं पम्मी का भाई जो घोढ़ी चढ़कर बारात में जाना चाहता है लेकिन उसका रास्ता बडे मोहल्ले से होकर जाता है। लेकिन वो फिर भी चला जाता है। इसका काफी विरोध होता है बड़े मोहल्ले को लोग नाराज हो जाते है और इस काम के लिए उसकी खूब पिटाई भी होती है। ऐसे में जब डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाते है तो वहां इलाज भी नहीं करने दिया जाता है। इसके बाद सीरीज में एंट्री होती है बॉबी देओल यानी काशीपुर वाले बाबा निराला की। जो यहां पर बड़े मोहल्ले के लोगों को फटकार लगाते है इसके बाद पम्मी के भाई का इलाज शुरू होता है। बाबा के इस काम को देखकर पम्मी बाबा की भक्त बन जाती है। इसी बीच एक निर्माण कार्य शुरू होता है जिसमे कई कंकाल मिलते है। ये देखकर लोग हैरान हो जाते हैं इसकी जांच शुरू होती है और सभी कंकाल की फॉरेसिंक जांच होती है जिसमे इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश की जाती है क्योंकि इसी से कई ऐसे राज खुलेंगे जिससे काशीपुर वाले बाबा निराला और कई राजनीतिक दल का काला चिट्ठा खुलता हुआ नजर आता है। अब इसके आगे क्या होता है ये जानने के लिए आपको सीरीज देखनी होगी।
इस वेब सीरीज के जरिए एक तरह से प्रकाश झा और हबीब फैसल ने लोगों की आंख खोलने का काम किया है। क्योंकि आज भी धर्म, आस्था के नाम पर कई ऐसे पाखंडी धर्मगुरु होते है जो हैरान करने वाले अपराध को अंजाम देते है। लेकिन इसके बावजूद कई लोग ऐसे ढोगियों पर विश्वास करते है।
सीरीज में कलाकारों के किरदार की तारीफ करनी तो बनती है। सभी ने अपने अपने किरदार के साथ न्याय किया है। बॉबी देओल के किरदार को देखकर एक तरह से घिन तक आ जाती है जो उनके नकारात्मक किरदार के लिए पॉजिटिव प्रतिक्रिया है।
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