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कैंसर कोशिकाओं को खोजने में मदद करेगा ब्लड टेस्ट

जयपुर। कैंसर कोशिकायें शरीर में आसानी में आसानी से नहीं दिखती है। इसी कारण ये वापसे उभर कर सामने आ जाती है लेकिन अब इसको मात देते हुए शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक विशिष्ट प्रकार के ब्लड टेस्ट की खोज की है। बता दे कि इसे लिक्विड बायोप्सी कहते हैं। वैज्ञानिकों ने दावा किया
कैंसर कोशिकाओं को खोजने में मदद करेगा ब्लड टेस्ट

जयपुर। कैंसर कोशिकायें शरीर में आसानी में आसानी से नहीं दिखती है। इसी कारण ये वापसे उभर कर सामने आ जाती है लेकिन अब इसको मात देते हुए शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक विशिष्ट प्रकार के ब्लड टेस्ट की खोज की है। बता दे कि इसे लिक्विड बायोप्सी कहते हैं। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि लिक्विड बायोप्सी में खून के नमूने में कैंसर सैल्स का पता लगाया जाता है। वैसे तो बायोप्सी में डॉक्टर कैंसर का पता लगाने के लिए सर्जरी के माध्यम से कुछ सेल्स को नमूने के तौर पर लेकर डीएनए की जांच करते हैंकैंसर कोशिकाओं को खोजने में मदद करेगा ब्लड टेस्ट

और इसके बाद निर्धारित करते हैं कि उन कोशिकाओं में कैंसर है या नहीं। लेकिन वैज्ञानिकों ने बताया कि लिक्विड बायोप्सी के लिए भी बिना सर्जरी किये पहले यही जानकारी ली जाती है। यह एक सामान्य ब्लड टेस्ट होता है, जिसमें नियमित बायोप्सी के ठीक विपरीत डिस्पोजल सूई से ब्लड सैंपल लिया जाता है। लेकिन बता दे कि लिक्विड बायोप्सी जनरल ट्यूमर बायोप्सी से अलग होती है।कैंसर कोशिकाओं को खोजने में मदद करेगा ब्लड टेस्ट

जानकारी दे दे कि पूर्ण रूप से कैंसर ट्यूमर की शुरुआती स्टेज का पता लगाने और इसके वापस होने तथा थेरेपी की प्रतिक्रिया जानने में मदद करता है। फिलहाल आपको बता दे कि पीईटी स्कैन के अलावा कैंसर सैल्स का पता लगाने के लिए औऱ कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है इसी के साथ ही बता दे कि पीईटी स्कैन में रेडियोएक्टिव तत्व प्रयुक्त किये जाते हैं, जिसे बार-बार नहीं किया जा सकता है। इसी कारण से तो लिक्विड बायोप्सी को इसके सहायक टेस्ट के रूप में काम में लिया जाता है।कैंसर कोशिकाओं को खोजने में मदद करेगा ब्लड टेस्ट

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