केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर दिल्ली सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में पटना के गर्दनीबाग में सात जनवरी से जारी अनिश्चितकालीन धरना 30 जनवरी को महागठबंधन के आह्वान पर आयोजित मानव श्रृंखला को ऐतिहासिक बनाने के साथ शुक्रवार को समाप्त हो गया। धरना में बैठे लोगों को अंतिम दिन संबोधित करते हुए किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिव सागर शर्मा ने कहा कि, “आज किसानों के साथ-साथ देश की आम जनता समझने लगी है कि इस देश में उद्योगपतियों का राज चल रहा है। आज देश की आजादी व लोकतंत्र खतरे में है, जिसे हमें बचाना है।”
भाकपा (माले) राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि यह लड़ाई अब किसानों की लड़ाई भर नहीं रह गई है, बल्कि यह लड़ाई अब देश की आजादी की दूसरी लड़ाई साबित हो रही है। उन्होंने कहा, खेती की गुलामी का मतलब है देश की गुलामी। यदि ये तीन कानून लागू हो गए तो खेती चैपट हो जाएगी।
उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के देश सोमालिया का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां कारपोरेट खेती ने पूरे देश को बर्बाद करने का काम किया। वही कहानी भाजपा सरकार देश मे दुहराना चाहती है।
धरना मे शामिल नेताओं ने कहा कि तीन कानूनों के सम्पूर्ण रूप से रद्द हो जाने तक हम अपने आन्दोलन को जारी रखेंगे। नेताओं ने देश में सभी लोगों से किसानों के समर्थन में आगे आने का आह्वान किया।
उल्लेखनीय है कि किसान आंदेालन के समर्थन में बिहार में विपक्षी दलों का महागठबंधन पूरे राज्य में मानव श्रृंखला बनाने की घोषणा की है।
न्यूज स्त्रोत आईएएनएस