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Bihar Assembly Election 2020: विपक्षी महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं, रालोसपा ने दिए ये संकेत

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द होने वाहा है। अक्टूबर-नवंबर में होने वाले चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों में घमासान मचा है। सियासी दलों में सीट शेयरिंग को लेकर बात बनती नहीं दिख रही है। विपक्षी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने बुधवार को गठबंधन से बाहर निकलने के संकेत
Bihar Assembly Election 2020: विपक्षी महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं, रालोसपा ने दिए ये संकेत

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द होने वाहा है। अक्टूबर-नवंबर में होने वाले चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों में घमासान मचा है। सियासी दलों में सीट शेयरिंग को लेकर बात बनती नहीं दिख रही है। विपक्षी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने बुधवार को गठबंधन से बाहर निकलने के संकेत दिए हैं।पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र प्रसाद कुशवाहा की पार्टी रालोसपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव माधव आनंद ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार चुनाव से पहले संभावनाओं को तलाशने के लिए तैयार है।

Bihar Assembly Election 2020: विपक्षी महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं, रालोसपा ने दिए ये संकेत

उन्होंने कहा कि कल हमने चुनाव की रणनीति को लेकर बैठक बुलाई है। इसमें हमारे राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी के सभी सदस्य शामिल होंगे। महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसके चलते हमें कुछ अहम फैसले लेने की जरूरत है। रालोसपा नेता ने महागठबंधन में समन्वय की कमी और जीतनराम मांझी के इसे छोड़ने के बाद खुलकर नाराजगी सामने आई हैं। ऐसे में विपक्षी महागठंबधन के बीच चुनावी गणित बिठाना किसी चुनौती से कम नहीं है। आरजेडी बिहार चुनाव में पूरी ताकत लगाने को तैयार हैं तो नीतीश कुमार ने भी पूरी रणनीति बना ली है।

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वहीं बिहार में मुस्लिम और यादव वोटरों मे ओवैसी की एंट्री सेंध मार सकती है। सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM और पूर्व सांसद देवेंद्र यादव की पार्टी समाजवादी जनता दल ने संयुक्त जनतांत्रिक सेकुलर गठबंधन (UDSA) बनाया है। इसके चलते बिहार में तीसरे मोर्चे की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। सत्ता पक्ष और विपक्ष से किनारा करने वाले छोटे दलों पर ओवैसी की नजर हैं।

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