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भृगु संहिता जिसमें केवल नाम देखकर जाना जा सकता है भविष्य के बारे में, वो भी बगैर कुंड़ली देखे

जयपुर। आज हम इस लेख में भृगु संहिता के बारे में कुछ खास बता रहे हैं। भृगु संहिता एक धार्मिक ग्रंथ है, ऋषि भृगु ने लिखा था। भृगु संहिता में संसार के सभी मनुष्यों के भविष्य के बारे में बताया गया है। वैसे भी हर किसी को अपने भविष्य को जानने की इच्छा रहती है।
भृगु संहिता जिसमें केवल नाम देखकर जाना जा सकता है भविष्य के बारे में, वो भी बगैर कुंड़ली देखे

जयपुर। आज हम इस लेख में भृगु संहिता के बारे में कुछ खास बता रहे हैं। भृगु संहिता एक धार्मिक ग्रंथ है, ऋषि भृगु ने लिखा था। भृगु संहिता में संसार के सभी मनुष्यों के भविष्य के बारे में बताया गया है। वैसे भी हर किसी को अपने भविष्य को जानने की इच्छा रहती है।

भृगु संहिता जिसमें केवल नाम देखकर जाना जा सकता है भविष्य के बारे में, वो भी बगैर कुंड़ली देखे

आज हम इस लेख में भी कुछ खास बता रहे हैं। पंजाब के होशियारपुर में एक अलग ही तरह की कुंडली बताने वालों का गढ़ माना जाता है। यहां पर केवल नाम को सुनकर ही भविष्य के बारे मे कई बातों के बारे में बताया जाता है। होशियारपुर के रेलवे मंडी नामक इलाके में भविष्य को जानने वालो का जमावड़ा लगा रहता है। यहा पर देश विदेश के कई लोग आते हैं।

भृगु संहिता जिसमें केवल नाम देखकर जाना जा सकता है भविष्य के बारे में, वो भी बगैर कुंड़ली देखे

होशियारपुर में भविष्य बताने वाले पंडितों का कहना है कि ये पांडुलिपियाँ इनके परदादा को एक कबाड़ के ढेर से मिली थी जिसपर इनके परदादा का नाम लिखा था।

भृगु संहिता जिसमें केवल नाम देखकर जाना जा सकता है भविष्य के बारे में, वो भी बगैर कुंड़ली देखे

भ्रगु संहिता में लगभग पांच हजार साल पुराना एक धार्मिक ग्रंथ है, इसमें हर इंसान के भविष्य के बारे मे जानकारी दी गई है। होशियारपुर में जिस जगह पर यह भृगु संहिता हैं वहां पर तीन परिवारों के साझा भंडार में इसे सुरक्षित किया गया है। ग्रंथ को एक स्टोर रूम में रखा गया है और वह कई टन वजनी है। उपलब्ध पृष्ठों के लिए एक सूचकांक तैयार किया गया है, ताकि जरूरत पडऩे पर संबंधित हिस्से को देखा जा सके।

भृगु संहिता जिसमें केवल नाम देखकर जाना जा सकता है भविष्य के बारे में, वो भी बगैर कुंड़ली देखे

जब कोई व्यक्ति भृगु शास्त्री को अपना नाम, जन्म तिथि, माता-पिता का नाम जैसी जानकारियां देता है, उसके बाद भृगु संहिता में उससे संबंधित जानकारियां ढूंढी जाती हैं। जब नाम मिल जाता है, उसके बाद व्यक्ति को बुलाया जाता है और उसके भूत व भविष्य के बारे में बताया जाता है। इसके लिए कुछ दिन लगते हैं।

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