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भैम प्रदोष व्रत: इस तरह करें शिव की उपासना, दूर होंगे सभी संकट

भौम का मतलब हैं मंगल और प्रदोष का अर्थ है त्रयोदशी तिथि मंगलवार यानी को त्रयोदशी तिथि होने से इसको भौम प्रदोष कहा जाता है। इस दिन शिव जी और हनुमान जी दोनो की पूजा की जाती हैं। इस दिन शिव जी की उपासना करने से हर दोष का नाश हो जाता हैं। तथा हनुमान
भैम प्रदोष व्रत: इस तरह करें शिव की उपासना, दूर होंगे सभी संकट

भौम का मतलब हैं मंगल और प्रदोष का अर्थ है त्रयोदशी तिथि मंगलवार यानी को त्रयोदशी तिथि होने से इसको भौम प्रदोष कहा जाता है। इस दिन शिव जी और हनुमान जी दोनो की पूजा की जाती हैं। इस दिन शिव जी की उपासना करने से हर दोष का नाश हो जाता हैं। तथा हनुमान जी की पूजा करने से शत्रु बाधा शांत होती हैं, और कर्ज से छुटकारा मिलता हैं।भैम प्रदोष व्रत: इस तरह करें शिव की उपासना, दूर होंगे सभी संकट

वही इस दिन उपवास करने से गोदान का फल ​प्राप्त होता हैं,और उत्तम लोक की प्राप्ति होती हैं। भौम प्रदोष के दिन हनुमान जी की उपासना करने से हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती हैं। इस बार भौम प्रदोष का संयोग 04 दिसंबर को बना हैं।भैम प्रदोष व्रत: इस तरह करें शिव की उपासना, दूर होंगे सभी संकट

भौम प्रदोष के दिन सामान्य रूप से इस तरह करें उपासना—
प्रात: काल उठकर पूजा का संकल्प लें। इसके बाद ईशान कोण में शिव जी की स्थापना करें। शिव जी को पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें। कुश के आसन पर बैठकर शिव जी के मन्त्रों का जाप करें। वही इसके बाद अपनी समस्याओं के अंत होने की प्रार्थना करें। निर्धनों को भोजन कराएं। वही अगर ये पूजा प्रदोष काल में कर ले तो और भी उत्तम माना जाता हैं।भैम प्रदोष व्रत: इस तरह करें शिव की उपासना, दूर होंगे सभी संकट

मंगल दोष की समस्या से मुक्ति के लिए करें ये उपाय—
भौम प्रदोष के दिन शाम को हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं। उन्हें हलवा पूरी का भोज लगाए। भाव सहित सुन्दरकाण्ड का पाठ करें। वही मंगल दोष की समाप्ति की प्रार्थना करें। हलवा पूरी का प्रसाद निर्धनों में बांट दें। मंगल दोष की पीड़ा से छुटकारा मिलेगा। असाध्य

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