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भीष्म ने बताई थीं महिलाओं से जुड़ी ये तीन गुप्त बातें

भारतीय इतिहास में हमेशा से ही महिलाओं के मौलिक कर्तव्य और उनके अधिकारों का वर्णन किया गया है। उनके बारे में इतिहास ही नहीं अपितु भगवान भी उन्हें सम्मान देने की बात कहते हैं। जिस घर में महिलाओं का सम्मान नहीं होता वह घर पतन के बहुत नजदीक होता है जिसका उदाहरण हमें महाभारत में
भीष्म ने बताई थीं महिलाओं से जुड़ी ये तीन गुप्त बातें

भारतीय इतिहास में हमेशा से ही महिलाओं के मौलिक कर्तव्य और उनके अधिकारों का वर्णन किया गया है। उनके बारे में इतिहास ही नहीं अपितु भगवान भी उन्हें सम्मान देने की बात कहते हैं। जिस घर में महिलाओं का सम्मान नहीं होता वह घर पतन के बहुत नजदीक होता है जिसका उदाहरण हमें महाभारत में देखने को मिलता है कि कैसे कोरवों ने द्रोपदी का चीर हरण करके उसका अपमान भरी सभा में किया और उसी अपमान का बदला लेने के लिए महाभारत युद्व लड़ा गया और कोरवों का सम्पूर्ण विनाश हो गया। तभी से कहा जाता है कि जिस घर में महिलाओं का सम्मान नहीं होता वहां देवता भी अपना निवास नहीं बनाते।

महाभारत काल में भी भीष्म जब मृत्यु की प्रतिक्षा में थे तब उन्होंने युधिष्ठिर को अपने पास बुलाया और राज्य निति के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने महिलाओं से जुड़ी कुछ ऐसी बातें कहीं जो आज हम भूल चुके हैं। तो आइए जानते हैं कि भीष्म ने युधिष्ठिर को कौन सी बातें बताई थी।

  •  भीष्म के द्वारा युधिष्ठिर को बताई गई जो पहली बात है वो ये कि जिस घर में स्त्री का सम्मान नहीं होता। वह वहां पर खुश नहीं होती, वहां पर हमेशा विवाद, कटुवचन, धन में हानि और घर की खुशहाली नहीं रहती। वहां पर माता   लक्ष्मी की कृपा भी नहीं बनी रहती। माता लक्ष्मी भी वहां से रूठ कर चली जाती है।
  • जिस घर में बेटी और बहु को सम्मान नहीं मिलता वहां पर भी देवता अपना निवास नहीं बनाते। और वहां पर दुखों के पहाड़ टूट पड़ते हैं और कभी कभी तो वह दुख शोक में भी बदल जाता है। जिस घर में बेटी, बहु को सम्मान मिलता है वहां पर देवता भी निवास करते हैं।

”इसी बात को कबीर दास ने भी अपने दोहों में कहा है कि जिस घर में नारी का सम्मान होता है वहां पर देवता भी निवास करने आते हैं।”

  • भीष्म द्वारा युधिष्ठिर को आखिरी बात यह बताई गई थी हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिस से घर में दुख   कलह और शोक आये। उनका अभिप्राय ऐसे प्राणियों को सताने से था जैसे बालक, जानवर, स्त्री, असहाय व्यक्ति,   प्यासा, भूखा आदि ऐसे व्यक्तियों को हमें नहीं सताना चाहिए। ऐसे व्यक्तियों के द्वारा दिए गए श्राप हमें दुखों और शोक   के करीब ले जाते है।

तो आज आपने जाना की भीष्म ने जो युधिष्ठिर को जो बातें बताई थीं वह हमें हमारे जीवन में काम में लेनी चाहिए।

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