Bhai dooj 2020: क्यों मनाया जाता है भाईदूज का पर्व, जानिए इससे जुड़ी कथा
हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों का विशेष महत्व होता हैं वही दिवाली के दो दिन बाद भाई दूज मनाया जाता हैं इस साल भाई दूज का त्योहार 16 नवंबर को मनाया जाएगा। यह पर्व भाई बहन के अटूट प्रेम और रिश्ते का प्रतीक माना जाता हैं इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करके उनकी लंबी आयु और उन्नति की प्रार्थना करती हैं भाई भी अपनी बहन के प्रति कर्तव्यों के निर्वहन का संकल्प लेते हैं इस पर्व की पौराणिक कथा सुर्य पुत्र यम और पुत्री यमुना से जुड़ी मानी जाती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए है भाईदूज से जुड़ी पौराणिक कथा, तो आइए जानते हैं।
हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक सूर्यदेवता और पत्नी संज्ञा की दो संतानें थी। एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना। संज्ञा सूर्य का तेज सहन नहीं कर पा रही थी जिसके कारण अपनी छायामूर्ति का निर्माण किया और अपने पुत्र पुत्री को सौंपकर वहां से चली गई। छाया को यम और यमुना से किसी तरह का लगाव नहीं था। मगर यम और यमुना दोनों भाई बहनों में बहुत प्रेम था।
यमदेव अपनी बहन यमुना से बहुत प्रेम करते थे। मगर काम की अधिकता के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते थे। एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए उनसे मिलने उनके घर चले गए। जब यमुना ने अपने भाई को देखा तो खुशी से प्रफुल्लित हो गई। अपने प्रति बहन का प्रेम देखकर यमराज को प्रसन्नता हुई उन्होंने यमुना को खूब सारी भेंटे दीं।
जब चलने का समय हुआ तो बहन से विदा लेते समय यमराज ने बहन यमुना से कहा कि अपनी इच्छा का कोई वरदान मांग लो। तब यमुना ने अपने भाई के इस आग्रह को सुनकर कहा कि अगर आप मुझे कोई वर देना चाहते हैं तो यही वर दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आएंगे और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे। कहते हैं कि इसी के उपलक्ष्य में हर साल भाईदूज का पर्व मनाया जाता हैं।