Bengal Election 2021: क्या ममता के गढ़ में बीजेपी को मिलेगी जीत, इन चुनौतियों ने मुश्किल की राह….
पश्चिम बंगाल की राजनीति का मौजूदा गणित तो ये है कि अपनी कमजोरियों और ममता बनर्जी की ताकत से बीजेपी के रणनीतिकार अंदरखाने घबरा रहे हैं। ऐसे में बंगाल पर फतह हासिल करने के लिए बीजेपी के सामने कई चुनौतियां खड़ी हैं। जिनकी वजह से बीजेपी के विरोधी बंगाल में ताल ठोक रहे हैं।
व्हील चेयर पर सवार होकर अपनी टूटी टांग पर बंगाल का लोकतंत्र बचाने का भारी भरकम बोझा डालकर जब ममता दीदी कोलकाता की सड़कों पर उतरीं तो बीजेपी के बीजेपी नेताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें देखने को मिली। चिंता ये भी है कि मां-माटी और मानुष की दीवानी बंगाल की जनता अपनी जख्मी बेटी को सहानुभूति का वोट ना दे दे और चुनावी बाजी पूरी तरह से पलट जाए। विधानसभा चुनाव को लेकर एक अच्छे बंगाली चेहरे की तलाश है। बीजेपी अगर सत्ता में आती हैं तो कौन बनेगा मुख्यमंत्री? ये वो सवाल है जिससे बीजेपी फिलहाल बचना चाह रही है।
लेकिन ये टालमटोल बीजेपी को भारी पड़ सकती है। क्योंकि शुभेंदु अधिकारी, मुकुल रॉय, बाबुल सुप्रियो और दिलीप घोष सरीके कई नाम हैं जो दिल ही दिल में सीएम बनने का सपना पाले हुए हैं। लेकिन इनके अंदर वो करिशमाई जनाधार दिखाई नहीं दे रहा है। बंगाल विधानसभा की कुल 294 सीटों में से 167 दक्षिण बंगाल से आती है। राज्य का कुल 56.8 फीसदी वोट शेयर और ये वो इलाका है जहां बीजेपी की मौजूदगी नहीं के बराबर है।लोकसभा चुनावों में भी पार्टी को यहां खास कामयाबी नहीं मिल सकी है।