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Benefits of yoga:पेट संबंधी परेशानियों से बचने के लिए, प्रतिदिन करे इन आसान योगासन का अभ्यास

जयपुर।डाइट में गलत चीजों का सेवन करने से हमारे शरीर में पाचन संबंधी परेशानियां अधिक बढ़ जाती है।डाइट में जंक—फूड, अधिक तैलीय और तीखा भोजन करने से हमारे पेट में दर्द, कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं बढ़ जाती है।ऐसे में आप प्रतिदिन कुछ खास योगासन का अभ्यास कर अपने पेट को स्वस्थ बनाए रख
Benefits of yoga:पेट संबंधी परेशानियों से बचने के लिए, प्रतिदिन करे इन आसान योगासन का अभ्यास

जयपुर।डाइट में गलत चीजों का सेवन करने से हमारे शरीर में पाचन संबंधी परेशानियां अधिक बढ़ जाती है।डाइट में जंक—फूड, अधिक तैलीय और तीखा भोजन करने से हमारे पेट में दर्द, कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं बढ़ जाती है।ऐसे में आप प्रतिदिन कुछ खास योगासन का अभ्यास कर अपने पेट को स्वस्थ बनाए रख सकते है।

Benefits of yoga:पेट संबंधी परेशानियों से बचने के लिए, प्रतिदिन करे इन आसान योगासन का अभ्यासआप अपने पेट को स्वस्थ बनाए रखने के लिए प्रतिदिन कपालभाति योगासन का अभ्यास करें।कपालभाति योगासन को करने के लिए आप योग मैट बिछाकर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं और अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखते हुए अपने शरीर को बिल्कुल सीधा रखें।इसके बाद सामान्य से कुछ अधिक गहरी सांस लेते हुए अपनी छाती को फुलाएं।

Benefits of yoga:पेट संबंधी परेशानियों से बचने के लिए, प्रतिदिन करे इन आसान योगासन का अभ्यासफिर झटके से सांस को छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खिंचे।प्रतिदिन कपालभाति योगासन का अभ्यास करने से पेट स्वस्थ रहता है।इससे पेट संबंधी बीमारिया दूर होती है और पेट की एक्स्ट्रा चर्बी भी कम होती है जिससे हमारा मोटापा घटता है।

Benefits of yoga:पेट संबंधी परेशानियों से बचने के लिए, प्रतिदिन करे इन आसान योगासन का अभ्यासआप पेट संबंधी परेशानियों से बचने के लिए प्रतिदिन धनुरासन का अभ्यास करें।इससे हमारे पेट संबंधी परेशानियां जैसे पेट दर्द, कब्ज, पीठ का दर्द, पेट की सूजन की समस्या दूर होती है।इसके अलावा प्रतिदिन धनुरासन का अभ्यास करने से शरीर की थकान और मासिकधर्म के समय होने वाली समस्याएं दूर होती है।

Benefits of yoga:पेट संबंधी परेशानियों से बचने के लिए, प्रतिदिन करे इन आसान योगासन का अभ्यासधनुरासन का अभ्यास करने के लिए आप योग मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।इसके बाद अपने घुटनों को मोड़कर कमर के पास ले जाते हुए पैर के तलवों को दोनों हाथों से पकड़ें।फिर सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं और अपने पैरों को आगे की ओर खीचें।इससे हमारे पेट की मासंपेशिया मजबूत होती है और पाचन तंत्र भी ठीक बना रहता है।

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