Samachar Nama
×

रिश्तो में झुकना कोई अजीब बात नहीं, सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए

जयपुर। जैसा की आप जानते हैं कि हर रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए विश्वास की जरुरत होती है। तथा हर रिश्ते की निंव सच्चाई पर टिकी हुई होती है। अगर रिश्ते को मजबीूत बनाने के लिए कोई इंसान झुककता है तो इसका मतलव यह नहीं होती कि वह कमजोर बल्कि वह चाहता है कि
रिश्तो में झुकना कोई अजीब बात नहीं, सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए

जयपुर। जैसा की आप जानते हैं कि हर रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए विश्वास की जरुरत होती है। तथा हर रिश्ते की निंव सच्चाई पर टिकी  हुई होती है। अगर रिश्ते को मजबीूत बनाने के लिए कोई इंसान झुककता है तो इसका मतलव यह नहीं होती कि वह कमजोर बल्कि वह चाहता है कि यह रिश्ता कमजोर न हो तथा लंबा चले। आज हम आपके लिए इस आर्टिकल में कुछ शायरियां लेकर आए हैं जिन्हें  आपको पढ़कर रिश्तों की अहमियत समझ में आ जाएगी। तथा आप रिश्तों की कद्र करना सीख जाऐएंगे।

रिश्तो में झुकना कोई अजीब बात नहीं, सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए

मेरे हाल को देख कर, लोगों ने ये कह ही दिया,

दीवानो सी अब हालत हमारी दिखती है।

जब से हुआ है एक पल के लिए आराम नहीं,

ये इश्क़ तो यारों एक बीमारी दिखती है।

रात को देखो, सुबह देखो, शाम को देखा,

जब भी देखो ऐ जाने जान, तू बहुत ही प्यारी दिखती है।

याद रखिए एक बेटा को बेटा नहीं बोल सकते,

लेकिन एक बेटी को बेटा बोल सकते हैं,

इसलिए नारी का दर्जा एक मर्द से हमेशा ऊँचा होता है।

माफी मांगने का यह मतलब नहीं कि कौन गलत है कौन सही,

असली मतलब यह है कि हम उस रिश्ते को खोना ही नहीं चाहते।

Share this story