Bappi Lahiri Birthday: सोने की दुकान कहे जाने वाले बप्पी लहिरी आज है इतने करोड़ के मालिक, 5 हैं लग्जरी कारें
आज बॉलीवुड के मशहूर सिंगर और संगीतकार बप्पी लहिरी का जन्मदिन है। इसमे कोई दो राय नहीं है कि बप्पी लहिरी बॉलीवुड की म्यूजिक इंडस्ट्री का एक जाना पहचाना नाम है। उन्होंने अपने करियर के दौरान एक से एक कई यागदार गाने दिए है जिसको आज भी उनके चाहने वाले काफी पसंद करते है। आज बप्पी लहिरी के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी प्रपर्टी के बारे में बताने जा रहे है। बप्पी लहिरी का जन्म 27 नवंबर 1952 को पश्मिच बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था। आज वो अपना 68वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। बप्पी लहिरी सिर्फ अपने डिस्को म्यूजिक के लिए नहीं बल्कि खूब सारा सोना पहनने की वजह से भी जाने जाते है। बप्पी लहिरी को लोग सोने की दुकान तक कहते है। बप्पी लहिरी अपने सोने पहनने और गॉगल्स के लिए जाने जाते है। वो जहां भी जाते हैं सभी की निगाहें उन्हीं पर टिक जाती है। बप्पी लहिरी का परिवार संगीत की दुनिया से जुड़ा हुआ यही कारण है कि बप्पी लहिरी ने महज 3 साल की उम्र से ही तबला बजाना और सीखना शुरू कर दिया था। बप्पी लहिरी को लोग इसी नाम से जानते है लेकिन उनका असल नाम आलोकेश लहिरी है। बप्पी लहिरी ने अपनी मेहनत और लगन के साथ ही इंडस्ट्री में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया था। बप्पी लहिरी ने संगीत की दुनिया के अलावा राजनीती में किस्मत आजमा चुके है। वो साल 2014 में बीजेपी की टिकट पश्चिम बंगाल के सीरमपुर से चुनाव में उतरे थे। इस दौरान उन्होंने एफिडेविट जमा किया था। उस वक्त के एफिडेविट के अनुसार बप्पी लहिरी के पास कुल 754 ग्राम सोना था। जिसकी कीमत उस समय 17,67,451 लाख रूपए थी। बप्पी लहिरी के पास कुल 12 करोड़ की संपत्ति बताई जाती है। उनके पास एक दो नहीं पांच लग्जरी कारें है जिसमे आडी और बीएमडब्ल्यू शामिल है। इसके अलावा उनकी पास टेस्ला एक्स कार भी है जिसकी कीमत 55 लाख बताई जाती है। बप्पी लहिरी के पास करीब 4.62 किलो के चांदी के गहने भी है। जिसकी कीमत 2,20,000 रूपए है। बप्पी लहिरी ने अपने घर में गोल्ड प्लेटेड डिस्क भी लगवाई है। हालांकि ये सब बप्पी लहिरी ने अपनी मेहनत से हासिल किया है उनको खैरात में नहीं मिली है। बप्पी लहिरी ने अपने करियर के दौरान कई हिट गाने दिए है जिसको आज भी संगीत प्रेमी बड़े चाव से सुनते है। 80 और 90 के दशक में बप्पी लहिरी के गानों का अलग ही जलवा हुआ करता था।