बच्चे का रोना होता है उसकी सेहत के लिए बहुत ही अच्छा
जयपुर । आज कल के बच्चों का क्या कहना ? उनको जो चाहिए बस वो चाहिए । वह जरा भी नहीं सोचते हैं की न्के माता पिता यदि उनको माना कर रहे हैं तो वह उनको मानना हैं । वह अपनी बात कैसे न कैसे मनवा ही लेते हैं और माँ बापों को थक हार कर उनकी जिद्द पूरी करनी ही पड़ती है । शायद बहुत ही कम लोग इस बारे में जानते हैं की यह आदत भी बच्चो में उंकव माँ बाप ही विकसित करते हैं ।
आज हम आपको इस रिश्ते से जुड़ी कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बात के बारे में बताने जा रहे हैं । माँ बाप और बच्चे का रिश्ता होता बहुत ही खूबसूरत है । पर इस रिश्ते की खूबसूरती बहुत ही कम बच्चे हमेशा बरकरार रख पाते हैं । आप सभी ने देखा होगा की आज कल बच्चे अपने माता पिता तक की नहीं सुनते हैं और बात बे बात पर जिद्द कर बैठतेव हैं ।
इस तरह बिना बात उनका जिद करना जरा भी अच्छा नहीं होता है । आज हम आपको बताते हैं कैसे यह खुद उनही को नुकसान पहुंचा सकता है । जब आपका बच्चा रोता है तो वह अपने शरीर में मौजूद स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल को रिलीज करने की कोशिश करता है क्योंकि अगर यह हॉर्मोन शरीर के अंदर रह जाएगा तो यह शरीर के अहम अंगों और ब्रेन टिशूज को नुकसान पहुंचा सकता है। शरीर से कॉर्टिसोल के रिलीज होने से स्ट्रेस कम होता है और बच्चों में कई तरह की नकारात्मक भावनाएं भी दूर होती हैं।
कई स्टडीज में यह बात भी सामने आयी है कि रोने से ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट कम होता है। ऐसे में बच्चों का रोना और नखरे दिखाना उनकी सेहत के साथ-साथ इमोशनल हेल्थ के लिए भी अच्छा है। लेकिन सिर्फ तब तक जब उन्हें बदले में अपने मां-बाप का प्यार मिले। ऐसा करना उनके ब्रेन का विकास भी करता है । आगे चल कर ऐसे बच्चे काफी मजबूत भी साबित होते हैं ।