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Ayurvedic tips:पाचन संबंधी परेशानियों को दूर रखने के लिए, आप करें त्रिफला का सेवन

जयपुर।आयुर्वेद उपचार की एक पारंपरिक उपाय है जो हमारी रोजमर्रा की कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है।त्रिफला चूर्ण का सदियों से आयुर्वेदिक औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।त्रिफला चूर्ण आंवला पाउडर, बिभीतकी – जिसे टर्मिनलिया बेलिरिका या बहेरा के रूप में जाना जाता है और हर्ताकी जिसे त्रिफला
Ayurvedic tips:पाचन संबंधी परेशानियों को दूर रखने के लिए, आप करें त्रिफला का सेवन

जयपुर।आयुर्वेद उपचार की एक पारंपरिक उपाय है जो हमारी रोजमर्रा की कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है।त्रिफला चूर्ण का सदियों से आयुर्वेदिक औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।त्रिफला चूर्ण आंवला पाउडर, बिभीतकी – जिसे टर्मिनलिया बेलिरिका या बहेरा के रूप में जाना जाता है और हर्ताकी जिसे त्रिफला बनाने के लिए हरड़ के रूप में भी जाना जाता है।इन ​तीनों को मिलाकर त्रिफला चूर्ण का निर्माण किया जाता है।

त्रिफला का सेवन करने के लाभ
त्रिफला विशेष रूप से पाचन समस्याओं वाले लोगों के लिए फायदेमंद है। हरड़ में रेचक गुण पाए जाते है जो कि कब्ज की परेशानी को दूर करने में मदद करते है जबकि आंवला और बिभीतकी पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखते है।

पाचन संबंधी परेशानियां होती दूर
त्रिफला मिश्रण का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, कब्ज और पाचन विकार दूर होते है।इसके लिए आप प्रतिदिन सुबह के समय खाली पेट गुनगुने पानी के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।

बालों की परेशानियां होती दूर
त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से हमारे शरीर को आवश्यक मात्रा में पोषक तत्व मिलते है जो हमारे बालों को मजबूत बनाने और बालों के झड़ने की समस्या को दूर करने में मदद करते है।इसके अलावा त्रिफला का सेवन करना त्वचा और दृष्टि के लिए भी अच्छा होता है, साथ ही इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।त्रिफला डिटॉक्स एजेंट के रूप में कार्य करता है और शरीर के विषाक्त पदार्थों को रिलीज करता है जिससे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है।

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