दिमागी शक्ति को बढाने के लिए सहायक होती हैं आयुर्वेदिक औषधियां, जानें इनके बारे में!
आधुनिकता के बढते दौर में लोगों की कामों में व्यस्तता बढती जा रही है जिसके कारण हर बात को ध्यान में रखना लगभग असंभव सा हो गया है। हालंकि, हर क्षेत्र में प्रतियोगिता और प्रतिस्पर्धा बढती जा रही है तो आपके भूलने की बीमारी का प्रभाव आपकी लाइफस्टाइल और संबंधित कामों पर भी पडने लगता है। जिन लोगों का दिमाग तेज होता है उनकी याद्दाश्त भी तेज होती है। जो लोग अभी भी अपनी स्मरण शक्ति को लेकर परेशान रहते हैं उनके लिए आयुर्वेद में कई इलाज मौजूद हैं। इसलिए आपको दिमागी कमजोरी का समस्या से निजात दिलाने के लिए आज हम आपको उन आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका सेवन आपके लिए असरकारी साबित हो सकता है।
ब्राह्मी
ब्राह्मी एक ऐसी औषधि है जिसका प्रयोग कई हजार वर्षों पहले से ही सुनिश्चित किया जा रहा है। खासकर कि दिमागी ताकत को बढाने के लिए ब्राह्मी को तेलों और खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल किया जाने लगा है। हालांकि, आप आधा चम्म्च ब्राह्मी का सेवन गुनगुने पानी के साथ करेंगे तो आपकी दिमागी क्षमता का विकास और एक्टिवनेस बढेगी।
दालचीनी
दालचीनी से तो ज्यादातर लोग रूबरू होते ही हैं क्योंकि रसोई में खाना बनाते समय इसका प्रयोग मसाले के तौर पर काफी हद किया जाता रहा है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि, दालचीनी एक बेहद असरकारी आयुर्वेदिक औषधी है। इसके सेवन के लिए शहद के साथ एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाकर खाएं, इससे मानसिक तनाव से छुटकारा तो मिलेगा ही, साथ में आपकी दिमाग भी तंदुरुस्त रहेगा।
अश्वगंधा
याद्दाश्त कतो बढाने और दिमागी शक्ति को बेहतर करने के लिए अश्वगंधा सबसे फायगदेमंद औषधि हैं। जिसका प्रयोग हर्बल मस्तिष्क टॉनिक को बनाने के लिए किया जाता है। इसके नियमित सेवन से सोच-समझने की शक्ति का विकास होता है। आप इसका सेवन चाय में डालकर कर सकते हैं।
मुलेठी
फ्रेशनेस को बढाने वाली मुलेटी को दिमाग के लिए बेहद कारगर बताया जाता है। इसमें मौजूद सभी औषधीय गुण आपको मानसिक कार्य करने के लिए प्रोत्साहन देते हैं। इसके अलावा यह आपके रक्त चाप को नियंत्रित करके आपके शरीर में डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याओं से बचाए रखता है।
जटामांसी
हालांकि आयुर्वेद में जटामांसी का प्रयोग बीमारियों और इनके खतरों को दूर करने के लिए किया जाता है। लेकिन दिमागी शक्ति को बढावा देने के लिए रामबाण इलाज माना जाता है। इसका सेवन करने के लिए आप एक चम्मच जटामांसी को एक कप गुनगुने दूध में मिलाकर दिन में दोबार सेवन कीजिए।